हमारे देश में सरकारी स्कूल की हालत किसी से छिपी नहीं है। सरकारी स्कूल के शिक्षक न तो पढ़ाने में इंटरेस्ट लेते हैं और न ही बच्चे। ऐसे में लोग अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए प्राइवेट स्कूलों की तरफ रूख करते हैं, जिसके लिए उन्हें काफी मोटी फीस देनी पड़ती है। ऐसे हालात में पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग से आई ये जानकारी की किसी गोल्डेन माइन से कम नहीं है। बता दें कि पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के लीडरशिप डेवलपमेंट ट्रेनिंग के लिए इंडियन मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट (IIM)कलकत्ता के साथ सहयोग करार किया है। IIM-कलकत्ता ने सोमवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है।
पांच बैचों में दी गई ट्रेनिंग
IIM-कलकत्ता ने बयान में आगे कहा कि कार्यक्रम का पहला संस्करण 2021-22 में आयोजित किया गया था, और इसने पांच बैचों में पश्चिम बंगाल के 985 प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण प्रदान किया। IIM-कलकत्ता ने बताया कि नेतृत्व विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम (Leadership Development Training Progaram) के दूसरे संस्करण का पहला बैच 17-18 जून को IIM-कलकत्ता परिसर में आयोजित किया गया था।
2,000 से प्रिंसिपल्स कों मिलेगी ट्रेनिंग
IIM-कलकत्ता ने आगे जानकारी दी कि वेस्ट बंगाल कांउसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन, जो 12वीं कक्षा की राज्य बोर्ड परीक्षा आयोजित करता है, वह भी इस सहयोगी कार्यक्रम का हिस्सा है। बयान में कहा गया है कि इस साल दूसरे संस्करण में 2,000 से अधिक प्रधानाध्यापकों के लिए को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य है। ये कार्यक्रम आईआईएम-कलकत्ता के प्रोफेसर आर राजेश बाबू, चेतन जोशी और सुमंत बसु के नेतृत्व में होगा।
(इनपुट-पीटीआई)
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