उत्तर प्रदेश में पीएम, सीएम इंटर्नशिप कार्यक्रमों के तहत 7 लाख से ज्यादा नौकरी मिलेंगी। ये जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज 28 जून को दी है। सीएम ने कहा कि राज्य के MSME बिजनेस लाखों लोगों के लिए आय का स्रोत हैं और वे जल्द ही राज्य में पीएम और सीएम इंटर्नशिप कार्यक्रमों के माध्यम से 7 लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार प्रदान करने में मदद करेंगे। मंगलवार को लोकभवन में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि MSME विभाग को पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड और गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे भूमि चिन्हित कर MSME क्लस्टर डेवलप करना चाहिए।
वितरित किए गए कुल 20,000 करोड़ रुपये
सीएम योगी ने अधिकारियों को लखनऊ, वाराणसी और आगरा में यूनिटी मॉल की स्थापना और एमएसएमई क्षेत्र के बिजनेसमैन को उनकी जरूरतों के मुताबिक सुविधाएं प्रदान करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने का भी निर्देश दिया है। सीएम ने ये बातें इंटरनेशनल MSME डे 2023 के अवसर पर लोन वितरण कार्यक्रम में कही। राज्य सरकार ने एक बयान में कहा, एमएसएमई क्षेत्र के समग्र विकास के लिए 3.41 लाख MSME उद्यमियों को एक साथ कुल 20,000 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
"प्रदेश में MSME सेक्टर मौत के मुंह में था"
आदित्यनाथ ने कहा, "लोन वितरण कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 3.41 लाख MSME उद्यमियों को एक साथ लोन वितरित किया जा रहा है। यह क्षेत्र कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला है। MSME सेक्टर के उद्यमियों ने यूपी में नई जान फूंककर यूपी को नई पहचान दी है।" उन्होंने कहा कि एक समय था जब प्रदेश में MSME सेक्टर मौत के मुंह में था। उन्होंने आगे कहा, "सरकार से सहयोग न मिलने के कारण इस क्षेत्र के बिजनेसमैन हताश और निराश हो गए थे। हालांकि, पिछले 6 सालों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से, हमारी सरकार लगभग 96 लाख MSME यूनिटों को चला रही है।" जो करोड़ों लोगों के लिए आजीविका के स्रोत के रूप में काम करता है”।
ओडीओपी लागू करने वाला देश का पहला राज्य
उनके मुताबिक, MSME सेक्टर को जीवित रखने के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री ने जिक्र किया कि प्रदेश अपने 52 उत्पादों के लिए जीआई टैग प्राप्त करने वाले देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। सीएम ने कहा, "अकेले वाराणसी ने 23 उत्पादों के लिए जीआई टैग प्राप्त किया है। हमारे पास 75 जिले हैं, और आने वाले समय में यूपी के कई अन्य उत्पादों को जीआई टैग मिलेगा। वह दिन दूर नहीं जब उत्तर प्रदेश के पारंपरिक उत्पाद देश के भीतर और दुनिया भर में जाने जाएंगे।"
(इनपुट- पीटीआई)