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NEET वालों के लिए खुशखबरी! देश में इस साल खुले 52 नए मेडिकल कॉलेज, जानें क्या होगा इसका फायदा

देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 704 हो गई है। सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर डॉ. मनसुख मांडविया ने जानकारी देते हुए कहा है कि मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 704 हो गई है। सिर्फ इस साल 52 नए कॉलेज जोड़े गए हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: June 29, 2023 17:11 IST
Dr Mansukh Mandaviya- India TV Hindi
Image Source : PTI केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय मनसुख एल मांडविया

NEET की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए खुशखबरी है। देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। बता दें कि देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 704 हो गई है। सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर डॉ. मनसुख मांडविया ने इस बात की जानकारी दी है। स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 704 हो गई है। सिर्फ इस साल 52 नए कॉलेज जोड़े गए हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इसके साथ ही मेडिकल छात्रों के लिए ग्रेजुएट सीटें 52,000 से बढ़कर 1 लाख 7,000 और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए कुल सीटें 32,000 से 67,000 हो गई हैं।

25 नए कोर्स भी शुरू

डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि 25 नए कोर्स भी शुरू किए गए हैं। उन्होंने नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल सांइसेज (NBEMS) के 42वें स्थापना दिवस के अवसर पर इसकी जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्री ने शुरू की गई पहलों और कोर्सों के लिए संस्थान और गवर्निंग बोर्ड के सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि पिछले दो सालों के भीतर 25 कोर्स शुरू किए गए हैं। यह विकास मेडिकल छात्रों के लिए अधिक अवसर प्रदान करने, सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाओं और विशेषज्ञ डॉक्टरों को प्राप्त करने में सक्षम है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 9 पहलों का शुभारंभ किया, जिनमें मेडिसन में 11 नए एनबीईएमएस फेलोशिप कोर्स, इमरजेंसी मेडिसिन में एनबीईएमएस डिप्लोमा, एनबीईएमएस परीक्षा कमांड सेंटर, कंप्यूटर आधारित टेस्ट के लिए एनबीईएमएस केंद्र, एनबीईएमएस गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस दिशानिर्देश, ज्वाइंट एक्राडिशन प्रोग्राम और स्टैंड-अलोन लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर की मान्यता, एनबीईएमएस कौशल और वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम, एनबीईएमएस शिक्षकों के लिए फैकल्टी टाइटल और एनबीईएमएस मेडिकल लाइब्रेरी शामिल हैं।

अपने स्वर्ण युग में मेडिकल एजुकेशन- राज्य मंत्री

इस अवसर पर राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि भारतीय डॉक्टरों की शक्ति और मूल्य ऐसा है कि दुनिया के हर भाग में एक भारतीय डॉक्टर सेवा में मिलेगा। उन्होंने एबीएचए कार्ड को स्वतंत्रता के बाद भारत के सबसे बड़े विकास में से एक बताया, जो स्वास्थ्य सेवाओं को दूरवर्ती क्षेत्रों तक पहुंचने और वंचित समुदाय को लाभ पहुंचाने में सक्षम बनाता है। उन्होंने कहा कि भारत की मेडिकल एजुकेशन अपने स्वर्ण युग में है। उन्होंने टॉपर्स से आग्रह किया कि वो अपने अनुभवों और प्रेरणाओं को छोटे शहरों और गांवों के कॉलेजों और स्कूलों के साथ शेयर करें ताकि उन्हें आज के शिखर पर पहुंचने के लिए प्रेरित किया जा सके।

स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो एनबीईएमएस हर साल नीट-पीजी, एनईईटी-एसएस और एनईईटी-एमडीएस परीक्षाओं का सफलतापूर्वक संचालन कर रहा है। एनबीईएमएस ने विभिन्न विशिष्टताओं में 12,000 से अधिक पीजी सीटों के साथ 1100 से अधिक अस्पतालों को मान्यता दी है।

(इनपुट- आईएएनएस)

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