Monday, November 25, 2024
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जबरन छात्रों पर नहीं थोपा जाएगा FYUP, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट सिस्टम का मिलेगा लाभ

UGC ने 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए सभी आवश्यक नियम व दिशानिर्देश तैयार किए हैं। जगदीश कुमार ने बताया कि 2023-24 से जहां सभी नए छात्रों के पास चार साल वाले अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों का विकल्प होगा, वहीं पुराने छात्रों के लिए भी 4 वर्षीय अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम की स्कीम को मंजूरी दी जा सकती है।

Edited By: India TV News Desk
Published on: December 14, 2022 23:53 IST
FYUP- India TV Hindi
Image Source : PTI फोर ईयर अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम

'फोर ईयर अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम' (FYUP) की रूपरेखा सार्वजनिक की जाएगी। इसके तहत UGC राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रावधानों का पालन करते हुए छात्रों को तीन वर्षीय ग्रेजुएशन डिग्री के साथ-साथ 4 वर्षीय ऑनर्स डिग्री हासिल करने का विकल्प प्रदान करेगा। UGC के मुताबिक छात्रों को रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ चार वर्षीय ग्रेजुएशन यूजी ऑनर्स की डिग्री मिलेगी।

UGC चेयरमैन एम जगदीश कुमार के मुताबिक छात्र 120 क्रेडिट पूरा होने पर तीन वर्षीय यूजी डिग्री और 4 वर्ष में 160 क्रेडिट पूरा करने करने पर एफवाईयूपी ऑनर्स डिग्री हासिल कर सकेंगे। रिसर्च स्पेशलाइजेशन के इच्छुक छात्रों को चार साल के अंडर ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा। इससे उन्हें रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ साथ ऑनर्स की डिग्री हासिल होगी।

कई विश्वविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा विरोध शुरू हो गया

शैक्षणिक सत्र 2023-24 से सभी विश्वविद्यालय 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों (बीए, बीकॉम, बीएससी) आदि में दाखिला दे सकेंगे। UGC ने 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए सभी आवश्यक नियम व दिशानिर्देश तैयार किए हैं। जगदीश कुमार ने बताया कि 2023-24 से जहां सभी नए छात्रों के पास चार साल वाले अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों का विकल्प होगा, वहीं पुराने छात्रों के लिए भी 4 वर्षीय अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम की स्कीम को मंजूरी दी जा सकती है। इसका सीधा सीधा अर्थ यह है कि ऐसे छात्र जिन्होंने इस वर्ष सामान्य तीन वर्षीय अंडर ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया है, उन्हे भी अगले सत्र से चार साल की डिग्री कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिल सकता है।

UGC की एक नई पहल का कई विश्वविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा विरोध भी शुरू हो गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की पूर्व सदस्य प्रोफेसर आभा देव हबीब कह चुकी है कि इससे छात्रों पर 1 वर्ष का अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ेगा। उनके मुताबिक इससे छात्रों की समस्याओं में इजाफा होगा।

छात्रों के पास मल्टीपल एंट्री और एग्जिट जैसे विकल्प होंगे

वहीं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मुताबिक सभी छात्रों के लिए 4 वर्षीय अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम मुहैया कराया जाएगा लेकिन इस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए छात्रों को बाध्य नहीं किया जाएगा। यदि छात्र चाहें तो वह पहले से चले आ रहे 3 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को ही जारी रख सकते हैं।

UGC का कहना है कि एफवाईयूपी में छात्रों के पास मल्टीपल एंट्री और एग्जिट जैसे महत्वपूर्ण विकल्प होंगे। इस विकल्प का लाभ यह होगा कि यदि किसी छात्र को अपनी डिग्री पूरी किए बिना पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ती है, तो ऐसे छात्रो को अगले तीन सालों में पढ़ाई फिर से पूरी करने की अनुमति होगी। मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम के माध्यम से छात्र 7 वर्षों के भीतर कभी भी अपनी डिग्री पूरी कर सकते हैं।

प्रोफेसर जगदीश कुमार के मुताबिक विश्वविद्यालयों में पहले से ही दाखिला ले चुके छात्रों को भी 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनने का अवसर मिलेगा। ऐसे छात्र जो प्रथम या सेकंड ईयर में हैं यदि वह चाहेंगे तो उन्हें भी 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों का विकल्प उपलब्ध कराया जा सकेगा। इसकी शुरूआत वर्ष 2023-24 से शुरू होने वाले नए सत्र से ही होगी। UGC 4 वर्षीय पाठ्यक्रमों के मामले में विभिन्न विश्वविद्यालयों को भी कुछ नियम कायदे बनाने की छूट देगा।

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