वाशिंगटन: दुनिया के विभिन्न हिस्सों से विद्यार्थी इस वर्ष अधिक संख्या में अमेरिकी कॉलेजों में लौट रहे हैं, लेकिन पिछले साल की ऐतिहासिक गिरावट की तुलना में उनकी वापसी अब तक पर्याप्त संख्या में नहीं हो पाई है। एक नए सर्वेक्षण के अनुसार ऐसा इसलिए है क्योंकि कोविड-19 के कारण अकादमिक आदान-प्रदान अब भी बाधित है। अंतरराष्ट्रीय शिक्षा संस्थान (आईआईई) की तरफ से सोमवार को जारी सर्वेक्षण निष्कर्षों के मुताबिक राष्ट्र भर में, अमेरिकी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इस शरद ऋतु में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की संख्या में चार प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई।
सर्वेक्षण के मुताबिक पिछले साल यह संख्या 15 प्रतिशत घटी थी। यह 1948 में संस्थान द्वारा आंकड़ों के प्रकाशन की शुरुआत के बाद से सबसे बड़ी गिरावट थी। विद्यार्थियों की यह वापसी डेल्टा स्वरूप के मामले बढ़ने के चलते कॉलेजों के पूर्वानुमान से बेहतर है। लेकिन यह वीजा बैकलॉग बरकरार रहने और कुछ विद्यार्थियों के महामारी के दौरान विदेशों में पढ़ने जाने को लेकर हिचकिचाहट जैसी जारी बाधाओं को भी दिखाता है।
अमेरिकी दूतावास ने 2021 ओपन डोर्स रिपोर्ट का हवाला देते हुआ कहा है कि अमेरिका में 200 से अधिक मूल स्थानों के 9,14,000 से अधिक छात्रों के साथ अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक टॉप डेस्टिनेशन बना हुआ है। दूतावास ने बताया है कि इस संख्या में 20 फीसदी भारतीय छात्रों की हिस्सेदारी है। अमेरिका में 2020-2021 शैक्षणिक साल में 1,67,582 भारतीय छात्र हैं।
विश्वविद्यालयों और अमेरिकी अधिकारियों को उम्मीद है कि इस साल देखी गई तेजी, लंबी अवधि के लिए होने वाली वापसी की शुरुआत है। जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय यात्रा बढ़ेगी, ऐसी आशा है कि कॉलेज महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ते हुए देखेंगे। कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री मैथ्यु लुसेनहोप ने संवाददाताओं से कहा, “हम महामारी के बाद संख्या बढ़ने की उम्मीद करते हैं।”
उन्होंने कहा कि इस साल की वृद्धि दिखाती है कि अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी, “अमेरिकी शिक्षा को महत्व देते हैं और अमेरिका में पढ़ने को लेकर अब भी प्रतिबद्ध हैं।” संस्थान के मुताबिक कुल मिलाकर, 70 प्रतिशत कॉलेजों ने इस साल शरद ऋतु में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने की जबकि 20 प्रतिशत ने यह संख्या घटने और 10 प्रतिशत ने उतनी ही संख्या रहने की जानकारी दी है।
विद्यार्थियों की यह वापसी डेल्टा वेरिएंट के मामले बढ़ने के चलते कॉलेजों के पूर्वानुमान से बेहतर है लेकिन यह वीजा बैकलॉग बरकरार रहने और कुछ विद्यार्थियों के महामारी के दौरान विदेशों में पढ़ने जाने को लेकर हिचकिचाहट जैसी जारी बाधाओं को भी दिखाता है। अधिकारियों को उम्मीद है कि इस साल देखी गई तेजी, लंबी अवधि के लिए होने वाली वापसी की शुरुआत है। जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय यात्रा बढ़ेगी, ऐसी आशा है कि कॉलेज महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ते हुए देखेंगे।