नई दिल्ली। सावधान! कई युवाओं को #AyushmanBharat #PMJAY के नाम पर रोज़गार दिलाने को लेकर फर्जी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह #AyushmanBharat #PMJAY योजना के तहत लोगों को निश्चित राशि के बदले रोज़गार देने का वादा किया जा रहा है। सच्चाई यह है कि यह जानकारी गलत है और इसका आयुष्मान भारत योजना से कोई लेना देना नहीं है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने इस अभियान को फर्जी बताकर इससे बचने को कहा है।
ऐसे दूर करें अपना संदेह
गौरतलब है कि अगर आपको भी केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना से जुड़ी किसी खबर या दावे में कोई संदेह है तो आप PM-JAY से जुड़ी जानकारी https://pmjay.gov.in इस आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
आयुष्मान भारत क्या योजना है?
यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यू-एच-सी) के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, भारत सरकार की एक प्रमुख योजना “आयुष्मान भारत” की शुरुआत राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के आधार पर की गई है। इस योजना का उद्देश्य है कि “कोई भी पीछे ना छूटे।” 5 लाख हेल्थ बीमा वाली जन आरोग्य स्कीम ( PM-JAY) का लाभ 10 करोड़ परिवारों को मिलेगा. शुरू में गरीब परिवारों को इस स्कीम का लाभ दिया जा रहा है। बाद में PM-JAY के दायरे में निम्न मध्य वर्ग, मध्य वर्ग और ऊपरी मध्य वर्ग के लोगों को भी लाया जाएगा।
किसे मिलता है PM-JAY का लाभ?
आयुष्मान भारत योजना यानि PM-JAY का मकसद गरीब, वंचित ग्रामीण परिवारों और शहरी श्रमिकों के परिवारों की चिन्हित कैटेगरी को स्वास्थय बीमा का लाभ देना है। इसलिए 2011 की जनगणना को आधार मानें तो 8.03 ग्रामीण परिवार और 2.33 करोड़ शहरी परिवार इस स्कीम के दायरे में आएंगे। इस प्रकार शुरुआत में करीब 10 करोड़ परिवार या फिर 50 करोड़ लोग PM-JAY योजना का लाभ उठा सकेंगे। जो भारतीय आबादी का 40% हिस्सा हैं। जन आरोग्य योजना का लाभ उठाने के लिए परिवार में सदस्यों की संख्या और उम्र की सीमा तय नहीं की गई है। यह स्कीम कैशलेश और पेपरलेस होगी। इसके तहत सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराया जा सकेगा।
आयुष्मान भारत की शुरुआत कब हुई?
आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है, जिसे 1 अप्रैल, 2018 को पूरे भारत मे लागू किया गया था। 2018 के बजट सत्र में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इस योजना की घोषणा की।
कौन है इस योजना में शामिल
शुरुआत में करीब 10 करोड़ परिवार या फिर 50 करोड़ लोग PM-JAY योजना का लाभ उठा सकेंगे। यह संख्या और शामिल किए गए परिवार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (SECC 2011) के अभाव और व्यावसायिक मापदण्डों पर आधारित हैं। SECC के आंकड़ों के हिसाब से ग्रामीण इलाके की आबादी में D1, D2, D3, D4, D5 और D7 कैटेगरी के लोग आयुष्मान भारत योजना (ABY) में शामिल किये गए हैं।
(पीएम-जय)को पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (NHPS) के नाम से जाना जाता था। पूर्ववर्ती राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना (RSBY), जिसकी शुरुआत 2008 में हुई थी, इसका विलय (पीएम-जय) में किया गया। इसलिए (पीएम-जय) के तहत, उन परिवारों को भी शामिल किया गया है जो RSBY में उल्लिखित थे, लेकिन SECC 2011 के डेटाबेस में मौजूद नहीं हैं। (पीएम-जय)पूरी तरह से एक सरकार द्वारा वित्त-पोषित योजना है जिसकी कार्यान्वयन की लागत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बाटी गई है।