आज हम बात करने वाले हैं सुशील सुभदीप नायक से, जो वर्तमान में ओडिशा राज्य के गंजम जिले में खेमुंडी डिग्री कॉलेज, दिगापंडी में भूविज्ञान (Geology) में लेक्चरर के रूप में कार्यरत हैं। सुशील ने धरणीधर ऑटोनॉमस कॉलेज, केंदुझर से बीएससी के साथ ग्रेजुएशन किया है। साथ ही जीयोलॉजी में ऑनर्स में डिग्री ली। सुशील ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और IIT खड़गपुर से एम.टेक की डिग्री हासिल की। हाल ही में यूपीएससी कंबाइंड जियोसाइंटिस्ट एग्जाम-2022 में सुशील ने AIR 9 (साइंटिस्ट-हाइड्रोजियोलॉजी, जलशक्ति मंत्रालय) रैंक हासिल किया है। इसके अलावा हाल ही में मैंने क्रमशः ओडिशा लोक सेवा आयोग (ओपीएससी) द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर और भूविज्ञानी परीक्षाओं (Geologist Examination) में पहला रैंक 1 और 13वां रैंक हासिल किया है।
1. यूपीएससी कंबाइंड जियोसाइंटिस्ट परीक्षा UPSC सिविल सेवा परीक्षा से कैसे अलग है?
सुशील ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कंबाइंड जियोसाइंटिस्ट परीक्षा यूपीएससी ही भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) में भू-वैज्ञानिकों (Geologist) की भर्ती के लिए आयोजित करती है। यह परीक्षा विभागीय साइंटिस्ट पदों के लिए होती है। वहीं बात करें सिविल परीक्षा कि तो सिविल सेवा परीक्षा उन सभी सिविल अधिकारियों की भर्ती के लिए है जो DoPT (Department of Personnel and Training) के तहत काम करते हैं। सीएसई अधिक जनरल स्टडी-ओरिएंटेड है जबकि कंबाइंड जियोलॉजिस्ट एग्जाम अधिक सब्जेक्ट स्पेसिफिक है, हालांकि दोनों परीक्षाएं करीब-करीब समान है।
सुशील ने आगे विस्तार से बताते हुए कहा कि इसमें प्रीलिमिनरी, मेंस और पर्सनालिटी टेस्ट जैसे तीन अलग-अलग चरण भी शामिल हैं। किसी भी उम्मीदवार के लिए सभी चरण महत्वपूर्ण हैं। प्रीलिमिनरी एग्जाम्स में दो आब्जेक्टिव MCQ टेस्ट पेपर होते हैं, एक जनरल स्टडी 100 अंक और दूसरा भूविज्ञान (Geology) 300 अंक होता है। मेंस एग्जाम में जियोलॉजी के तीन पेपर होते हैं यानी जियोलॉजी -1, 2 और 3 प्रत्येक 200 अंकों के साथ। वहीं, इंटरव्यू 200 अंकों का होता है। सीएसई के विपरीत, प्रीलिमिनरी एग्जाम में मिले अंकों को भी फाइनल मेरिट में गिना जाता है।
2. आपने UPSC Geoscientist की तैयारी कब से शुरू की?
सुशील ने जवाब देते हुए कहा कि जब मैंने 2016 में मास्टर डिग्री पूरी की, तब से मैं लगातार इस परीक्षा में क्लियर करने की कोशिश करने लगा, क्योंकि जीयोलॉजी के क्षेत्र में यह परीक्षा सबसे अहम मानी जाती है और यह सर्विस ग्रुप-A श्रेणी में आती है। मैं लगातार चार बार फाइनल लिस्ट में जगह नहीं बना सका। इस परीक्षा के लिए यह मेरा पांचवां प्रयास और तीसरा इंटरव्यू था। इस परीक्षा में मैंने ऑल इंडिया रैंक 9वां स्थान प्राप्त किया।
3. आपने तैयारी के दौरान कौन-कौन से तरीके अपनाएं?
सुशील ने बताया कि मैं इस परीक्षा में चार बार लगातार फेल हुआ। इस बीच तैयारी के दौरान, 2019 में एक एडेड कॉलेज में एक लेक्चरर पद के लिए भी योग्यता प्राप्त की, यहाँ मैंने अपना लेक्चररशिप करियर शुरू किया और यह आज तक जारी है। एक कामकाजी पेशेवर के रूप में, मैं अपने संस्थान में 7 घंटे की कार्य अवधि के बाद जो कुछ भी बचा है, उसका अधिकतम इस परीक्षा में उपयोग करने में कामयाब रहा। हालाँकि, ध्यान इस तरह से आता है कि इन बिजी शेड्यूल के दौरान मुझे आधा घंटे बैठने का भी समय नहीं मिलता था। धीरे-धीरे, मैं उन विषयों को कवर किया जिन्हें पढ़ने की मेरी योजना थी। सुशील कहते है कि हर असफलता के बाद वापसी के साथ मेहनत ही किसी भी भर्ती परीक्षा को पास करने की चाबी है। यूपीएससी हमेशा उम्मीदवार के धैर्य और दृढ़ता की परीक्षा लेता है।
4. तैयारी कर रहे बच्चों के लिए आप कौन सा टिप्स देना चाहेंगे?
जिन छात्रों के पास जियोलॉजी/जियोसाइंस/अर्थ साइंस (Geology/Geoscience/ Earth Science) में मास्टर डिग्री है, वे प्रभावी रणनीति और दृढ़ता के साथ इस परीक्षा को पास कर सकते हैं। सामान्य अध्ययन के पेपर के लिए यूपीएससी साइंस, इंवायरमेंट, हिस्ट्री, जियोग्राफी, पॉलिटिक्स, इकोनॉमी और करंट अफेयर्स पर प्रश्न पूछता रहा है। लगभग 30-40% प्रश्न साइंस,इंवायरमेंट और वर्तमान विषयों से पूछे जाते हैं। इन विषयों को अधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जीएस प्रश्न पत्र की कठिनाई का स्तर सीएसई जीएस के अपेक्षाकृत आसान होता है।
जीएस पेपर (100 अंक) के प्रबंधन के लिए बेसिक एनसीईआरटी, न्यूजपेपर और करंट अफेयर्स मैगजीन उपयोगी साबित हो सकती हैं।
जहां तक जियोलॉजी के प्रश्नपत्रों का संबंध है, यूपीएससी सिलेबस में स्पष्ट रूप से सारे विषयों का जिक्र किया गया है, जिससे एक छात्र संबंधित किताबों के माध्यम से उन विषयों का पढ़ सकता है। जब हम पर्सनालिटी टेस्ट की तैयारी के बारे में बात करते हैं, तो एक उम्मीदवार को बुनियादी समझ के साथ इसकी तैयारी कर सकता है। इसके अलावा, लगातार प्रयास और प्रभावी समय आपको अच्छे अंक दिलाने में मदद करते हैं।
5. यूपीएससी के सिलेबस को कैसे कम समय में कवर करें?
चाहे वह सिविल सेवा परीक्षा हो या कोई विभागीय ग्रुप-ए सर्विस एग्जाम, यूपीएससी ने एक व्यापक सिलेबस निर्धारित किया है। पेपर में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए यूपीएससी सिलेबस शब्द-दर-शब्द और लाइन-दर-लाइन कवर करना महत्वपूर्ण चरणों में से एक है। यूपीएससी हमेशा सिलेबस से ही सवाल पूछता है। यदि हम पिछले साल के प्रश्नों का देखें, तो हमें एक आइडिया मिल जाता है कि पढ़ना कहाँ से शुरू करें और कैसे शुरू करें। हमें अपनी तैयारी को सिलेबस के भीतर ही सीमित रखना होगा। सिलेबस से परे जाने में बहुत समय लगता है और लक्ष्य तक पहुँचने में काफी कठिनाई होती है।
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