16 फरवरी से यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही है। इस परीक्षा को लेकर यूपी बोर्ड काफी सतर्क है। इसके लेकर इस बार बोर्ड ने कई कड़े कदम उठाए हैं। लखनऊ से इस बार परीक्षा में निगरानी रखी जाएगी। इसे लेकर दो कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं। यूपी बोर्ड की शुरू हो रही परीक्षा को नकल विहीन बनाने को लेकर इस बार भी सरकार काफी सख्त है। इनमें सबसे बड़ा कदम यह है कि परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े जाने पर NSA की कार्रवाई हो सकती है। साथ ही नकल में शामिल कक्ष निरीक्षकों और केंद्र व्यवस्थापकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की जाएगी। जो हर एक परीक्षा केंद्र पर वेब कास्टिंग के जरिए लाइव मॉनिटरिंग करेगी। बुधवार को इन कंट्रोल रूम्स में काफी हचचल थी। इन दोनों कंट्रोल रूम से हर मंडल से लेकर हर जिला और हर परीक्षा केंद्र तक पर नजर रखी जाएगी। अब जब बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं तब परीक्षार्थियों के लिए यह जानना बेहद जरूरी हो जाती है कि परीक्षा के दौरान छात्रों को किन बातों का बेहद ख्याल रखना है।
हर सेंटर पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर पहली बार अधिकारियों को आदेश दिया कि जिलाधिकारियों की ओर से हर एग्जाम सेंटर पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया जाएगा। वह एग्जाम खत्म होने के बाद डीएम के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक को रिपोर्ट करेंगे, ताकि हर दिन की गतिविधियों की जानकारी मिलेती रहे। वहीं एग्जाम की कॉपियों की सख्त निगरानी के लिए पहली बार प्रिंसिपल कक्ष से अलग स्ट्रांग रूम बनाया जाएगा। साथ ही कॉपियों को डबल लॉक अलमारी में रखा जाएगा और उसकी मॉनिटरिंग 24 घंटे सीसीटीवी से की जाएगी। इसके अलावा सभी जिलों में कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति के बाद एग्जाम से पहले उनको सख्ती से ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ ही जिले में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक और वाह्य केंद्र व्यवस्थापकों की भी ट्रेनिंग होगी। वहीं, एग्जाम में किसी भी प्रकार की बाधा डालने व व्यवस्था को प्रभावित करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाए और उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी।
प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के लिए अलग से स्ट्रांग रूम
सीएम योगी ने निर्देश दिए कि प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के लिए प्रधानाचार्य कक्ष की जगह एक अलग से स्ट्रांग रूम बनाया जाए। उनकी सीसीटीवी से निगरानी के साथ 2 सशस्त्र पुलिसकर्मियों की 24 घंटे तैनाती की जाए। परीक्षा केंद्रो पर वॉयस से लैस सीसीटीवी, डीवीआर, राऊटर डिवाइस और हाईस्पीड ब्राडबैंड कनेक्शन लगाए जाएं। वहीं जिला मुख्यालय के डबल लॉक स्ट्रांग रूम से प्रश्नपत्रों के सील्ड बॉक्स को बंद गाड़ी में परीक्षा केंद्रों के डबल लॉक अलमारी में रखने के दौरान तीन सदस्य केंद्र व्यवस्थापक, वाह्य केंद्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट के सामने उसे सील किया जाए। साथ ही प्रश्नपत्र खोलते समय भी तीनों की मौजूदगी सुनिश्चित की जाए। इस दौरान किसी के अनुपस्थित रहने पर उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। ऐसी स्थिति में प्रश्नपत्र को खोलते समय जिलाधिकारी या फिर अपर जिलाधिकारी की अनुमति जरूरी होगी।
58 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों ने कराया रजिस्ट्रेशन
बता दें कि इस बार हाईस्कूल के एग्जाम्स 16 फरवरी से शुरू होकर 3 मार्च तक यानी कुल 12 दिन चलेंगे। वहीं, इंटरमीडिएट के एग्जाम्स 16 फरवरी से 4 मार्च तक यानी 14 दिन तक चलेंगे। इस बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए 58 लाख 85 हजार 745 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें हाई स्कूल के 31 लाख 16 हजार 487 परीक्षार्थी जबकि इंटरमीडिएट के 27 लाख 69 हजार 258 परीक्षार्थी शामिल हैं। वहीं एग्जाम के लिए प्रदेश में 8,753 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें 540 राजकीय, 3523 सवित्त और 4690 वित्तविहीन कॉलेज हैं।
छात्रों के ध्यान रखने योग्य बातें
- छात्र सबसे पहले क्वेशचन पेपर को ध्यान से पढ़ें।
- सवालों का जवाब साफ-सुथरे अक्षरों में साफ लिखें।
- अगर आपको सवाल का उत्तर नहीं पता तो उसे छोड़ कर आगे बढ़ जाएं। क्रमानुसार सवाल हल करने की कोशिश न करें।
- छात्र कभी भी नाकारात्मक विचार अपने अंदर न आने दें।
- सारे प्रश्न हल करने के बाद रिविजन के लिए समय जरूर बचाकर रखें।
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