Highlights
- कॉलेजों में प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) का स्कोर आधार होगा
- जुलाई के पहले सप्ताह में सीयूईटी का आयोजन
- सीयूईटी का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी से मिलता-जुलता होगा
नई दिल्लीः विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 12वीं के बाद कॉलेजों में प्रवेश लेने को लेकर एक अहम घोषणा की। यूजीसी ने 2022-23 शैक्षणिक सत्र में सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उनके संबद्ध कॉलेजों में ग्रेजुएट एंट्रेंस में बोर्ड परीक्षा के प्रदर्शन को कोई वेटेज नहीं दिए जाने की ऐलान किया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सोमवार को एक अहम घोषणा करते हुए बताया कि कि इस साल कॉलेजों में प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) का स्कोर आधार होगा। हालांकि, यूनिवर्सिटी को बोर्ड परीक्षा के अंकों पर न्यूनतम पात्रता निर्धारित करने की अनुमति होगी।
जुलाई के पहले सप्ताह में सीयूईटी का आयोजन
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों को स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्रों के दाखिले के लिए विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) में प्राप्त अंकों का उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि जुलाई के पहले सप्ताह में सीयूईटी का आयोजन किया जाएगा। इसका मतलब है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के पात्रता मानदंडों को छोड़कर छात्रों के दाखिले में 12वीं कक्षा में प्राप्त अंकों का कोई असर नहीं पड़ेगा। कुमार ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा, ''वर्ष 2022-23 शैक्षणिक वर्ष से राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी स्नातक एवं परास्नातक कोर्स के लिए सीयूईटी का आयोजन करेगी। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रमों में दाखिला देने के लिए सीयूईटी में प्राप्त अंकों पर विचार करना होगा।''
सीयूईटी का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी से मिलता-जुलता होगा
उल्लेखनीय है कि 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को यूजीसी से आर्थिक सहायता मिलती है। कुमार ने कहा कि सीयूईटी का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के 12वीं कक्षा के सिलेबस से मिलता-जुलता ही होगा। सीयूईटी में सेक्शन-1ए, सेक्शन-1बी, समान्य परीक्षा और पाठ्यक्रम-विशिष्ट विषय होंगे। सेक्शन-1ए अनिवार्य होगा, जोकि 13 भाषाओं में होगा और उम्मीदवार इनमें से अपनी पसंद की भाषा का चयन कर सकते हैं। कुमार ने कहा कि छात्रों के पास अंग्रेजी, हिंदी, असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू का विकल्प रहेगा। यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि सीयूईटी का विश्वविद्यालयों की आरक्षण नीति पर कोई प्रभाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सीयूईटी के बाद किसी भी केंद्रीय काउंसलिंग का आयोजन नहीं होगा।
(इनपुट भाषा)