नई दिल्ली। रविवार को देशभर में जेईई एडवांस की की एडवांस की की एडवांस की की परीक्षाएं आयोजित की गई। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक फॉर्म भरने वाले अधिकांश छात्र इन परीक्षाओं में शामिल हुए। किसी भी परीक्षा केंद्र से अव्यवस्था या फिर किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान जेईई मेन और एडवांस, नीट के बाद दूसरी सबसे बड़ी परीक्षाएं रही। यह परीक्षाएं आईआईटी दिल्ली द्वारा आयोजित की गई। आईआईटी दिल्ली ने इस बारे में आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, जेईई एडवांस के लिए पंजीकरण और फीस भरने वाले कुल छात्रों में से 96 फीसदी छात्र रविवार को आयोजित की गई परीक्षाओं में शामिल हुए। परीक्षाओं के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया।
आईआईटी दिल्ली ने आधिकारिक वक्तव्य में कहा, यह परीक्षाएं पूरे देश में 222 शहरों में आयोजित की गई और इन परीक्षाओं के लिए एक हजार एक परीक्षा केंद्र बनाए बनाए एक परीक्षा केंद्र बनाए परीक्षा केंद्र हजार एक परीक्षा केंद्र बनाए बनाए गए थे।आईआईटी दिल्ली के निदेशक रामगोपाल राव ने सफलतापूर्वक जेईई परीक्षाएं आयोजित होने पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, सभी राज्य सरकारों एवं देशभर के के सभी आईआईटी संस्थानों का शुक्रिया अदा किया।
इससे पहले 1 से 6 सितंबर तक जेईई मेन परीक्षा आयोजित की गई थी। जेईई मेन के लिए 8.58 लाख छात्रों ने फॉर्म भरा था। इनमें से 82 प्रतिशत से अधिक छात्रों ने जेईई की परीक्षा दी । जो छात्र जेईई मेन की परीक्षाओं में शामिल हुए हैं उन्हें नतीजों के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा। जेईई मेन परीक्षाओं का रिजल्ट 11 सितंबर को घोषित कर दिए गए। रिजल्ट घोषित किए जाने के बाद अब जेईई एडवांस की परीक्षा ली गई है।
दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले 510 बच्चों ने जेईई मेन की परीक्षा पास की है। यह सभी छात्र रविवार को आयोजित एडवांस परीक्षा में भी शामिल हुए। यह संख्या पिछले साल 473 थी और इसके पिछले साल 350 थी। कोरोना संक्रमण के प्रति सावधानी बरतते हुए रविवार को आयोजित की गई एडवांस परीक्षा से पहले परीक्षा केंद्र को सैनिटाइज किया गया। परीक्षा केंद्र के फर्श, दीवारों,फर्नीचर, लिफ्ट, सीढ़ियां और रैम आदि सभी स्थानों को पूरी तरह से सैनिटाइज करने की व्यवस्था की गई थी।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए जेईई मेन की परीक्षाएं दस अलग-अलग शिफ्ट में करवाई गई थी। ऐसा इसलिए किया गया ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया जा सके और छात्रों को कोरोना संक्रमण का खतरा न रहे।