नई दिल्ली। अगले वर्ष होने वाली 10वीं और 12वीं की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को पर्याप्त समय दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने गुरुवार को स्पष्ट किया है कि परीक्षाएं मार्च में ही आयोजित कराने की कोई अनिवार्यता नहीं है। अभिभावकों ने बोर्ड की परीक्षाएं मई महीने के दौरान कराने की मांग की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "छात्रों को परीक्षा के नए पैटर्न के आधार पर तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा।
परीक्षा मार्च महीने में आयोजित कराने की कोई अनिवार्यता नहीं है। कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखकर ही परीक्षा की तिथियां तय की जाएंगी। प्रैक्टिकल भी किसी भी एंट्रेस एग्जाम की तारीख पर नहीं होंगे।"
शिक्षा मंत्री ने कहा, "सीबीएसई बोर्ड में प्रैक्टिकल स्कूल स्तर पर होते हैं। अगर ऐसी स्थिति होती है कि छात्र प्रैक्टिकल के लिए लैब नहीं जा सके तो, ऐसे में परीक्षा आयोजित करना मुश्किल होगा और इस पर हम विचार करेंगे।"
स्कूलों को दोबारा खोले जाने पर निशंक ने कहा, "स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्कूलों को फिर से खोलने के लिए एसओपी, दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से स्कूलों को फिर से खोलने और शारीरिक, सामाजिक दूरी के साथ सीखने व शिक्षा के प्रसारण से संबंधित शैक्षणिक पहलुओं के साथ सम्बद्ध हैं। इसके अलावा राज्य में मौजूदा स्वास्थ्य परिदृश्य को देखते हुए संबंधित राज्य सरकारें इस मामले में निर्णय लेंगी।"
देशभर के छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों के साथ लाइव सेशन को संबोधित करते हुए निशंक कहा कि साल 2021 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए सीबीएसई ने 30 फीसदी सिलेबस को कम किया है। मार्कशीट से फेल शब्द को हटा दिया गया है, अब कोई फेल नहीं होगा।
शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा, "माई बुक माई कल्चर के तहत अपने दोस्तों को पत्र लिखिए। पत्र लेखन का काम भविष्य के लिए भी बेहतर होता है। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी को भी कई बच्चों ने पत्र लिखकर अपनी बात कही। प्रधानमंत्री भी कहते हैं कि रीड करेंगे तभी आप लीड करेंगे।"केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने शिक्षा संवाद के 21वें संस्करण के तहत शिक्षकों, अभिभावकों एवं छात्रों के साथ लाइव इंटरैक्शन में परीक्षा और शिक्षा संबंधी मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "पिछली बार हुए संवाद के बाद अब काफी कुछ बदल चुका है जैसे कि बोर्ड के नतीजे घोषित हो चुके हैं, बहुत सारे छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में भी भाग ले चुके हैं, कॉलेजों की कटऑफ लिस्ट भी जारी हो चुकी है और नए अकादमिक सत्र की शुरूआत भी हो गई है। जिस प्रकार परिवर्तन को अपनाते हुए हम आगे सफलतापूर्वक बढ़े हैं, उसका पूरा श्रेय सम्पूर्ण शिक्षा तंत्र को जाता है।"