नई दिल्ली। JEE और NEET परीक्षा को लेकर सरकार की तरफ से साफ किया जा चुका है कि परीक्षा को टाला नहीं जाएगा लेकिन अभी भी परीक्षा को टालने की मांग जोर पकड़ रही है। भारतीय जनता पार्टी नेता सुप्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि सरकार अगर JEE और NEET को लेकर अपना फैसला नहीं बदलती है तो 1976 में की गई नसबंदी जैसी गलती होगी जिसका खामियाजा 1977 में इंदिरा सरकार को भुगतना पड़ा था। सुप्रमण्यम स्वामी ने कहा कि भारतीय मतदाता चुपचाप कष्ट झेल लेंगे लेकिन उन्हें यह सब लंबे समय तक याद रहेगा।
सुब्रमण्यम स्वामी ने इससे पहले भी JEE-NEET 2020 के मुद्दे पर मानव संसधान विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से फोन पर बात करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था और JEE-NEET 2020 परीक्षा को दिवाली के बाद टालने की मांग की थी।
सुब्रमण्यम स्वामी के अलावा कई विपक्षी नेता भी सरकार से JEE-NEET 2020 परीक्षा को टालने की मांग कर रहे हैं। रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे पर सरकार से मांग की थी कि अभिभावकों की चिंताओँ पर विचार करें। शनिवार को आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी सरकार से परीक्षा को टालने की मांग की थी।
परीक्षा को टालने की सिफारिशों पर पिछले हफ्ते HRD मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि परीक्षा टालने का आग्रह तर्कसंगत नहीं है। HRD मंत्रालय ने अपनी राय में कहा है कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता और पूरे शैक्षणिक सत्र को बर्बाद नहीं किया जा सकता। HRD मंत्रालय ने कहा है कि JEE (Main) परीक्षा के लिए कुल 858273 छात्रों ने आवेदन किया है और इनमें से 649223 छात्रों ने अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड भी कर लिया है। JEE (Main) परीक्षा पहली से 6 सितंबर के दौरान होनी है।