नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बनी स्थिति ने बोर्ड परीक्षाओं को काफी प्रभावित किया है। कई शिक्षा बोर्ड अपनी परीक्षाएं रद्द कर चुके हैं और छात्रों के रिजल्ट के लिए असेसमेंट स्कीम लेकर आए हैं। CBSE और ICSE भी बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करके असेसमेंट स्कीम पर काम कर रहा है। लेकिन, इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। CBSE और ICSE द्वारा बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इन बोर्ड्स की असेसमेंट स्कीम को भी हरी झंडी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए वकील विकास सिंह ने कहा कि 'जो छात्र परीक्षा देना चाहते हैं, उनकी असेसमेंट करने से पहले ही उन्हें एग्ज़ाम देने का विकल्प दिया जाना चाहिए। उनकी असेसमेंट नहीं की जानी चाहिए।' इस पर जज ने कहा कि 'फिर उनके पास तो सिर्फ़ एक ही विकल्प बचेगा। ये स्टूडेंट्स के साथ अन्याय होगा।'
जज ने कहा कि 'CBSE ने कहा है कि अगस्त-सितम्बर में उन स्टूडेंट्स के एग्ज़ाम होंगे, जो देना चाहते हैं और अक्टूबर में नतीजे घोषित होंगे।' यहां विकास सिंह ने कहा कि 'लेकिन तब तक बहुत देरी हो चुकी होगी। छात्रों का एक साल ख़राब हो जाएगा।' सिंह ने कहा कि 'तब तक तीसरी लहर आ सकती है। अभी कम केस हैं, अभी एग्ज़ाम हो सकते हैं।'
सुनवाई के दौरान AG ने कहा कि '31 जुलाई को CBSE के नतीजे घोषित होने के बाद UGC बाकी बोर्ड्स के नतीजे घोषित होने का इंतज़ार करेगा। उसके बाद ही एडमिशन का प्रोसेस शुरू होगा।'