Highlights
- जज बनने के लिए हर साल हजारों छात्र पीसीएस-जे की करते हैं तैयारी
- पीसीएस-जे परीक्षा में 150 नंबर जनरल नॉलेज के पूछे जाते हैं
- जनरल नॉलेज और इंग्लिश पर फोकस करना जरूरी
PCS-J Exam tips : सरकारी एग्जाम की तैयारी मुश्किल मानी जाती है। खासकर जब बात जज की पढ़ाई की आती है तो ऐसा कहा जाता है कि 100 में से 1 अभ्यर्थियों का ही इसमें चयन होता है। जज बनने के लिए हर साल हजारों छात्र पीसीएस-जे की तैयारी करते हैं। जिला कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में तैनात होने के लिए छात्र एग्जाम भी देते हैं, लेकिन कई बार पीसीएस-जे एग्जाम की तैयारी के दौरान अभ्यर्थी कुछ ऐसी गलतियां कर जाते हैं जिसकी वजह से उनका सेलेक्शन नहीं हो पाता है। इसलिए आज हम आपके साथ कुछ खास टिप्स करने जा रहे हैं जो पीसीएस-जे की तैयारी के दौरान आपके काम आएंगे।
जनरल नॉलेज और इंग्लिश पर करें फोकस
पीसीएस-जे परीक्षा के दौरान 150 नंबर जनरल नॉलेज के पूछे जाते हैं। लगभग इतने ही सवाल इंग्लिश विषय से भी पूछे जाते हैं। इसलिए इन दोनों विषयों पर फोकस करना बहुत जरूरी माना जाता है। इसी तरह मेंस में भी दोनों विषयों का काफी योगदान होता है। पीसीएस-जे की तैयारी करते वक्त जनरल नॉलेज और इंग्लिश पर फोकस जरूर करें। जनरल नॉलेज स्ट्रांग करने से लिए रोजाना कम से कम 1 अखबार जरूर पढ़ें।
एलएलबी के बेसिक करें मजबूत
पीसीएस-जे एग्जाम की तैयारी में एलएलबी का बेसिक मजबूत करें। किन कानूनों में बदलाव हो रहा है, किन कानूनों को एक्सीडेंट होने पर लागू होगा इन सभी धाराओं को फिंगर टिप्स पर रखें। पीसीएस-जे प्री क्वालीफाई करने के बाद जब मेंस एग्जाम में बैठोगे तो ये चीजें आपके बहुत काम आएगी।
नोट्स बनाएं
पीसीएस-जे की तैयारी करते वक्त नोट्स जरूर बनाएं। नोट्स बनाते वक्त टॉपिक को लिखने से चीजों को लंबे समय तक याद रखने में मदद मिलती है। साथ ही एग्जाम के दौरान आपको रिवीजन करने में आसानी होती है। नोट्स बनाते समय पूरी कहानी न लिखें बल्कि प्वाइंट्स बनाएं। सेल्फ स्टडी के लिए नोट्स बहुत जरूरी मानें जाते हैं।
कॉन्सेप्ट को क्लियर करना है जरूरी
कई बार एग्जाम की तैयारी करते वक्त बच्चे रट्टा मारने लगते हैं। रट्टा मारते वक्त आपको सिर्फ चीजें याद हो सकती हैं लेकिन कॉन्सेप्ट क्लियर नहीं होते हैं। ऐसे में एग्जाम में ट्रिकी सवालों का जवाब देना मुश्किल हो जाता है। इसलिए कभी भी रट्टा न मारें, कॉन्सेप्ट क्लियर करें।
भाषा का ध्यान रखें
न्यायिक सेवा की प्रतियोगी परीक्षा राज्य स्तर पर आयोजित होती है। अलग-अलग प्रदेशों के परीक्षा पाठ्यक्रम में भिन्नताएं होती हैं। कभी-कभी कुछ परीक्षाएं एकदम आसपास की तिथियों पर होती हैं। कुछ प्रदेशों में तो स्थानीय भाषा की परीक्षा अलग से भी होती है, जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल आदि राज्य। वहीं, कुछ राज्यों में स्थानीय विधि के ज्यादातर सवाल प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा में पूछे जाते हैं। ऐसे में अपनी प्राथमिकताएं तय करें तथा चयन करें कि किस प्रदेश या किन प्रदेशों की परीक्षाएं आपके लिए महत्वपूर्ण हैं।