देश के सबसे महत्वपूर्ण और कॉम्पिटिटिव एंट्रेंस एग्जाम NEET की तैयारी के लिए कैंडिडेट्स को मेहनत और लगन की काफी ज़रुरत होती है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) हर साल नीट यूजी के एग्जाम शेड्यूल की घोषणा करती है। अगर आप भी मेडिकल कोर्स जैसे MBBS या BDS कोर्सेस में एडमिशन लेना चाहते हैं तो आपको भी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम यानी NEET एग्जाम को क्लियर करना होगा। एनटीए इस एग्जाम की घोषणा अपनी ऑफिशल वेबसाइट पर नोटिफिकेशन के ज़रिये करती है।
जिन स्टूडेंट्स को 12वीं के बाद नीट की परीक्षा देनी है उन्हें कई चीज़ों का ध्यान रखना होगा। कई लोग अक्सर अपने पहले एटेम्पट में ये एग्जाम क्लियर नहीं कर पाते हैं। हालांकि अगर कैंडिडेट्स कुछ बेहतरीन टिप्स अपनाएं तो उन्हें सेकंड अटेम्प्ट की ज़रुरत नहीं पड़ेगी।
नीट सिलेबस (NEET Syllabus)
नीट एग्जाम को क्लियर करने के लिए सबसे पहले कैंडिडेट को इस बात की जानकारी होनी चाहिए की एग्जाम में आने वाला सिलेबस क्या है। अगर सिलेबस की अच्छी जानकारी होगी तो आपको एक अच्छा स्टडी प्लान बनाने में मदद मिलेगी। नीट सिलेबस का आधार वैसे तो एनसीईआरटी (NCERT) की किताबें ही होती हैं। इसलिए शुरुआत से ही फोकस करना शुरू कर दें। इससे तैयारी के समय वीक पॉइंट्स को समझने में भी आसानी होगी।
हाई क्वालिटी स्टडी मैटेरियल करें इस्तेमाल (Study Material)
नीट एग्जाम की तैयारी के लिए एक अच्छा स्टडी मैटेरियल चुनना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन ऑनलाइन रिसोर्स की मदद से भी कैंडिडेट्स सही मैटेरियल को चुन सकते हैं। पढ़ते समय अपना पूरा स्टडी मटेरिअल अपने पास ही रखें। साथ में पुराने स्टूडेंट्स जो पहले ही नीट एग्जाम दे चुके हैं उनसे भी अच्छी खासी मदद ले सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन ऐसे कई स्टूडेंट्स का इंटरव्यू देखकर काफी कुछ नॉलेज ले सकते हैं जो इस एग्जाम में टॉप कर चुके हैं।
लगातार रिवीजन करें (Rivision)
रिवीजन करने से हर एक छोटी चीज़ क्लियर हो जाती है। इसलिए लगातार रिवीजन करना बेहद ज़रूरी है। इसके लिए टेक्स्ट बुक्स के साथ-साथ पीछे कुछ सालों के क्वेश्चन पेपर के साथ भी एग्जाम के लिए तैयारी कर सकते हैं। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को नीट एग्जाम की तैयारी के लिए ऑनलाइन भी नोट्स और पिछले साल के क्वेश्चन पेपर आसानी से मिल जाएंगे।
मॉक टेस्ट की प्रैक्टिस करें (Practice of Mock Test )
नीट एग्जाम की तैयारी के लिए कैंडिडेट्स को काफी मेहनत करनी होती है। साथ ही उन्हें लगभग 180 मिनट में 180 क्वेश्चन भी सोल्वे करने होते हैं। इसमें टाइम मैनेजमेंट बहुत ज़रूरी है। इसलिए एग्जाम की तैयारी के दौरान समय सीमा के रूप को ध्यान में रखते हुए मॉक टेस्ट पेपर से भी प्रैक्टिस करें। इससे एग्जाम के लिए स्पीड बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।