नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान परीक्षा कराने के संबंध में दिशा निर्देशों जारी किए हैं जिनके अनुसार कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्रों और कर्मचारियों को परीक्षा केन्द्रों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी,मास्क लगाना और साथ ही स्व घोषणा पत्र देना अनिवार्य होगा।
बुधवार को इस संबंध में जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार कलम और कागज आधारित परीक्षाओं में इंविजिलेटर प्रश्नपत्रों अथवा उत्तर पुस्तिकाओं के वितरण से पहले अपने हाथों को सैनिटाइज करेगा और परीक्षार्थी भी इन्हें प्राप्त करने या जमा करने से पहले अपने हाथों को सैनिटाइज करेंगे।
एसओपी के अनुसार, शीट की गिनती और वितरण के लिए थूक अथवा लार के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाएगी। दिशानिर्देश के अनुसार उत्तर पुस्तिकाओं को जमा कराने और पैकिंग के हर चरण में हाथों को सैनिटाइज करना होगा। उत्तर पुस्तिकाओं को जमा करने के 72 घंटे के बाद खोला जाएगा।
इसके अनुसार उच्च जोखिम वाले कर्मचारियों जैसे बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और किसी बीमारी से ग्रस्त लोगों को इंविजिलेशन में या परीक्षा के संचालन में तैनात नहीं किया जाएगा।इसमें कहा गया है कि उन्हें ऐसे कामों में लगाया जाना चाहिए जहां वे छात्रों के साथ सीधे संपर्क में नहीं आएं।
ऑनलाइन अथवा कंप्यूटर-आधारित परीक्षा के लिए सिस्टम को परीक्षा के पहले और बाद में एल्कोहल वाइप्स से संक्रमण मुक्त किया जाएगा साथ ही सभी परीक्षा पदाधिकारियों और परीक्षार्थियों के रिकॉर्ड को सिस्टम में दर्ज किया जाएगा ताकि भविष्य में इनका पता लगाया जा सके।
इसमें कहा गया कि कोरोना वायरस कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्रों को अन्य तरीकों से परीक्षा देने का अवसर प्रदान किया जाएगा अथवा शिक्षण संस्थान बाद में किसी तारीख में उनकी परीक्षा करा सकते हैं। एसओपी के अनुसार साथ ही परीक्षा केन्द्र के भीतर ऐसे कर्मचारियों और छात्रों को आने की अनुमति दी जाएगी जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं। इसमें कहा गया कि मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
एसओपी में कहा गया कि संबंधित अधिकारियों को परीक्षा कार्यक्रम की योजना क्रमबद्ध तरीके से बनानी होगी ताकि किसी भी दिन परीक्षा केंद्र पर ज्यादा भीड़भाड़ न होने पाए। इसमें कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन में आने वाले परीक्षा केंद्रों को कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, परीक्षा संचालन अधिकारियों या परीक्षा केंद्रों को छात्रों और कर्मचारियों के लिए फेस कवर अथवा मास्क, सेनिटाइजर, साबुन, सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल आदि की उचित व्यवस्था मुहैया करानी चाहिए।
दिशानिर्देशों में कहा गया,'' परीक्षा केंद्र में प्रवेश के समय परीक्षा पदाधिकारी और परीक्षार्थियों को अपने स्वास्थ्य के संबंध में स्व घोषणा पत्र भी जमा कराना चाहिए । इस तरह के स्व-घोषणा पत्र को प्रवेश पत्र जारी करने के समय प्रसारित किया जा सकता है।
एसओपी के अनुसार अगर कोई परीक्षा अधिकारी अथवा परीक्षार्थी स्व-घोषणा के मानदंडों को पूरा करने में विफल रहता है तो उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। परीक्षा केंद्रों के प्रवेश में अनिवार्य रूप से हाथों को साफ करने का और थर्मल स्क्रीनिंग का प्रावधान होना चाहिए।
परीक्षा केंद्र में एक निर्दिष्ट पृथक कक्ष होना चाहिए ताकि अगर किसी में संक्रमण के कोई लक्षण पाए गए तो उसे पृथक रखा जा सके। संक्रमण के लक्षण वाले परीक्षार्थी को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाना चाहिए और उसे अन्य माध्यमों से परीक्षा देने का अवसर दिया जाना चाहिए या तब परीक्षा ली जानी चाहिए जब परीक्षार्थी इसके लिए फिट घोषित कर दिया जाए।
इसमें कहा गया कि फिर भी अगर छात्र परीक्षा देने पर अड़ा रहता है तो उसे एक अलग कमरे में ऐसा करने की अनुमति दी जा सकती है। इस तरह के मामलों में अनुमति परीक्षा आयोजित करने वाले प्राधिकरणों द्वारा इस मुद्दे पर पहले ही बताई गई नीति के अनुसार दी जाएगी।
छात्रों को इस बात की भी पूर्व सूचना दी जानी चाहिए कि उन्हें क्या ले जाना चाहिए जिसमें परीक्षा से संबंधित दस्तावेज (प्रवेश पत्र, पहचान पत्र आदि) मास्क, पानी की बोतल, हैंड सैनिटाइजर आदि शामिल हैं। शारीरिक दूरी के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए संस्थानों को परीक्षा के लिए बैठने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कमरे होने चाहिए।
एसओपी के अनुसार बैग, किताबें या मोबाइल फोन को परीक्षा केंद्र में ले जाने की अनुमति नहीं होगी, और परीक्षार्थियों को आवंटित परीक्षा हॉल में बैचों में भेजा जाएगा। इसमें कहा गया है कि आवश्यक हो तो परीक्षार्थियों की तलाशी थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ली जाए, और तलाशी लेने में शामिल कर्मियों को तीन परत वाले मेडिकल मास्क और दस्ताने पहनाए जाएंगे। अगर परीक्षाओं का आयोजन करने वाले शिक्षण संस्थान परिवहन की व्यवस्था करते हैं तो बसों अथवा अन्य वाहनों का सैनिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाएगा।