नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी की ओर से देशभर के विश्वविद्यालयों को अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा लेने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है। हालांकि परीक्षाओं के साथ ही सभी विश्वविद्यालयों से छात्रों की सुविधा और सुरक्षा का भी ध्यान रखने को कहा गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, अगर विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की फाइनल परीक्षाएं आयोजित कर रहे हैं, तो इसमें वो किसी भी प्रकार की मनमानी नहीं कर रहे हैं। उन्हें परीक्षाएं लेने के लिए कहा गया है। यूजीसी की ओर से जारी दिशा-निदेशरें में विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि ऑफलाइन, ऑनलाइन, ओपन बुक एग्जाम या फिर जो भी तरीका सही लगे उससे जरिए अंतिम वर्ष की फाइनल परीक्षाएं ली जानी आवश्यक है।
निशंक ने कहा, हम नहीं चाहते कि कल के दिन कोई ये बोले कि ये छात्र कोविडधारी हैं और बिना परीक्षा के इनको डिग्री प्राप्त हुई है। ये साल और कोविड का संकटकाल तो बीत जाएगा, लेकिन छात्रों पर आजीवन ठप्पा लगा रहेगा। हम नहीं चाहते कि हमारे छात्र कोविडधारी कहलाएं या फिर इसके कारण छात्रों के भविष्य का कोई रास्ता बंद हो।
गौरतलब है कि परीक्षाओं को लेकर अभी तक 818 विश्वविद्यालयों ने यूजीसी को अपना जवाब भेजा है। अपने जवाब में देशभर के 209 विभिन्न विश्वविद्यालयों ने बताया कि वे अपने संस्थानों में यूजीसी के दिशा-निर्देश अनुसार परीक्षाएं सफलतापूर्वक पूरी करवा चुके हैं।
इनके अलावा 394 विश्वविद्यालय अगस्त और सितंबर में ऑनलाइन, ऑफलाइन और मिश्रित संसाधनों से परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। देशभर के लगभग सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं लिए जाने पर अपनी सहमति दी है।
देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों की बात करें तो अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के विषय पर 51 केंद्रीय विश्वविद्यालयों से सकारात्मक जवाब मिला है। इनमें से कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की ऑनलाइन परीक्षाएं पूरी करवा ली हैं। शेष रह गए केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने 30 सितंबर से पहले इस प्रकार की परीक्षाएं करवा लेने का आश्वासन दिया है।