
JEE Main के दूसरे सेशन की परीक्षा 2 अप्रैल से शुरू हो चुकी है, आज एनटीए ने 7,8 और 9 अप्रैल की परीक्षा के लिए भी एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। जानकारी दे दें कि एनटीए 2 अप्रैल से लेकर 9 अप्रैल तक 10 शिफ्टों में परीक्षा आयोजित कर रही है। परीक्षाएं पूर्ण होने के बाद दोनों सेशन के बेस्ट एनटीए स्कोर के आधार पर छात्रों की रैंक जारी होगी। आईआईटी में एडमिशन के लिए जेईई मेन रिजल्ट में 2,50,000 रैंक हासिल करने वाले छात्र ही जेईई एडवांस परीक्षा देने के पात्र होंगे। ऐसे में कई अन्य क्राइटेरिया भी हैं जो आईआईटी में एडमिशन के लिए जरूरी हैं। ऐसेमें आइए जानते हैं क्या?
12वीं कक्षा में कितना होना चाहिए पर्सेंटाइल?
ये तो आपको भी पता होगा कि आईआईटी में एडमिशन के लिए जेईई मेन परीक्षा के बाद जेईई एडवांस परीक्षा में देनी होगी। साथ ही इस परीक्षा में वही उम्मीदवार बैठ सकेंगे जिनका 12वीं कक्षा में अच्छा पर्सेंटाइल हो। आइए जानते हैं कितना? एनटीए के नियमों के मुताबिक, आईआईटी एंट्रेस टेस्ट या कहें जेईई एडवांस्ड में वही छात्र बैठ सकेंगे जो जेईई मेन में 2,50,000 रैंक लाएं हो, साथ ही कक्षा 12वीं में कम से कम 75 फीसदी पर्सेंटाइल हो, हालांकि रिजर्वेशन कैटेगरी के लिए यह 65 फीसदी पर्सेंटाइल है।
इसके अलावा, उम्मीदवार 2 साल पहले तक की कक्षा 12वीं परीक्षा में शामिल हुए हों, जैसे अगर आप 2025 की जेईई एडवांस्ड परीक्षा देने जा रहे तो आप 2023, 2024 में किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड संस्थान से 12वीं पास हों, इससे पहले यानी 2022 में 12वीं पास हुए उम्मीदवार परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे।
अन्य जानकारी
जानकारी दे दें कि अच्छी पर्सेंटाइल आपकी ऑल इंडिया रैंक तय करने में मदद करता है। ज्यादा नंबर का मतलब बेहतर पर्सेंटाइल और बड़े-बड़े सस्थानों में एडमिशन की संभावना अधिक। बता दें कि देश के आईआईटी, एनआईटी और आईआईआईटी संस्थानों को इंजीनियरिंग के लिए बेहतर माना जाता है, क्योंकि यहां से पढ़कर युवा देश-विदेश में नाम रोशन करते हैं।
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