शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के दाखिले कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के जरिए लिए गए हैं। हालांकि अभी भी बड़ी संख्या में प्राइवेट और राज्यस्तरीय विश्वविद्यालय सीयूईटी-यूजी की परिधि से बाहर हैं। इन विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में दाखिले पूर्व की ही तरह बारहवीं कक्षा के अंकों के आधार पर लिए गए हैं। अब विश्वविद्यालयों के नए सत्र यानी 2023-24 में इन प्राइवेट और राज्यस्तरीय कॉलेजों को भी सीयूईटी-यूजी के माध्यम से दाखिले देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
यूजीसी का क्या कहना है?
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अलावा अन्य विश्वविद्यालयों को सीयूईटी प्रक्रिया का हिस्सा बनाने के लिए यूजीसी इन विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों से चर्चा करेगी। यूजीसी का कहना है कि बीते वर्ष देशभर के 45 केंद्रीय विद्यालयों समेत कुल 91 विश्वविद्यालयों ने सीयूईटी प्रक्रिया का पालन करते हुए यूजी दाखिले प्रदान किए थे। यूजीसी का कहना है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अलावा अन्य विश्वविद्यालय भी इस नई प्रक्रिया में शामिल होने को लेकर रुचि दिखा रहे हैं।
इस महीने होगी सीयूईटी-यूजी की परीक्षा
गौरतलब है कि इस वर्ष सीयूईटी-यूजी की परीक्षा 21 से 31 मई के बीच आयोजित नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित की जानी है। इन परीक्षाओं के लिए पूरे देशभर में 1000 परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। यूजीसी का मानना है कि अगले सत्र से और अधिक निजी, राज्य संचालित और डीम्ड विश्वविद्यालय कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट में हिस्सा लेंगे। इन परीक्षाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया फरवरी 2023 के पहले सप्ताह में शुरू होगी। वहीं सीयूईटी-पीजी 2023 जून 2023 के पहले या दूसरे सप्ताह में आयोजित होने की उम्मीद है।
जुलाई के पहले सप्ताह में घोषित होंगे परिणाम
सीयूईटी-यूजी के परिणाम जून 2023 के तीसरे सप्ताह में और सीयूईटी-पीजी के परिणाम जुलाई 2023 के पहले सप्ताह में घोषित किए जाने की योजना है। सीयूईटी-पीजी 2023 के संभावित कार्यक्रम की घोषणा अगले सप्ताह नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा की जाएगी। इसके अलावा एनटीए देश भर में लगभग 1000 परीक्षा केंद्रों की पहचान कर रहा है, जिनमें से प्रत्येक परीक्षा के दिन 450-500 केंद्रों का उपयोग किया जाएगा। यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने यह जानकारी साझा की है।
प्रोफेसर रजनीश जैन ने बताया कि इन परीक्षाओं में विषयों की संख्या और प्रश्नपत्रों के पैटर्न समान रहेंगे। एक उम्मीदवार एक या दो भाषाओं और सामान्य परीक्षा के अलावा 6 डोमेन विषय चुन सकता है। परीक्षा का माध्यम असमिया, बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगू और उर्दू चुना जा सकता है।
इसके मद्देनजर यूजीसी ने देशभर के सभी विश्वविद्यालयों से अनुरोध किया है कि जुलाई 2023 के अंत तक अपनी यूजी और पीजी प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करें, ताकि शैक्षणिक सत्र 1 अगस्त 2023 तक शुरू हो सके।