नई दिल्ली: कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर केंद सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह फैसला छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है। इसके साथ ही यह चर्चा भी शुरू हो गई कि अब छात्रों को कॉलेज में दाखिला कैसे मिलेगा। इंडिया टीवी से खास बातचीत में दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक्टिंग वीसी प्रोफेसर पीसी जोशी ने इस बारे में जानकारी दी।
‘मेरिट से कोई समझौता नहीं होगा’
इंडिया टीवी से बात करते हुए प्रोफेसर पीसी जोशी ने कहा, ‘भारत सरकार ने जो फैसला लिया है उसका दिल्ली विश्वविद्यालय पूरा समर्थन करता है। किसी भी कीमत पर छात्रों की सेहत से समझौता नहीं हो सकता। इस बार भले ही CBSE परीक्षा नहीं कराएगी लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि बच्चों को अंक नहीं दिए जाएंगे। हमारे पास जब बच्चे आएंगे तो कोई रिजल्ट लेकर जरूर आएंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय में मेरिट के आधार पर ही फैसला होता है और आगे भी होगा, उसपर कोई समझौता नहीं होगा।’
‘CUCET पर सरकार लेगी फैसला’
प्रोफेसर जोशी ने आगे कहा, ‘मेरिट का आधार सीबीएसई के रिजल्ट भी हो सकते हैं। इस साल हम सेंट्रल युनिवर्सिटी कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट (CUCET) पर भी विचार कर चुके हैं और कमेटी ने पूरा मसौदा भारत सरकार को सौंप दिया है। अगर उसके आधार पर परीक्षा होगी तो वह भी मेरिट का आधार बन सकता है। हम चाहेंगे कि छात्रों और अभिभावकों को कम से कम परेशानी हो। अगर भारत सरकार सीयूसेट का फैसला लेती है तो नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को टेस्ट कराने का दारोमदार दिया जा सकता है, लेकिन इसपर फैसला सरकार को ही लेना है।’
‘इस साल भी होंगे कॉन्टैक्टलेस दाखिले’
डीयू के एक्टिंग वीसी ने कहा, ‘पिछले साल कॉन्टैक्टलेस दाखिले हुए थे। हम इस साल भी उसी प्रक्रिया को लागू करने वाले हैं, लेकिन दाखिले का आधार मेरिट ही होगा। सिर्फ बोर्ड परीक्षा में आए अंकों के आधार पर ही छात्र की योग्यता नहीं मापी जा सकती, इसलिए CUCET पर विचार हो रहा था और हम इस दिशा की तरफ आगे बढ़ते रहेंगे। लेकिन अभी यह तय नहीं है कि इस साल यह लागू हो पाएगा या नहीं।’