नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि 82.14% उम्मीदवारों ने 3 सितंबर को JEE (मुख्य) परीक्षा दी, और 81.08% उम्मीदवारों ने 2 सितंबर को इसकी परीक्षा दी है। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी और सख्त ऐहतियाती कदमों के बीच मंगलवार को इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिये संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) - मेन्स का आयोजन शरू हुआ था। देशभर में विभिन्न परीक्षा केंद्रों में अलग-अलग प्रवेश एवं निकास द्वारों पर सैनिटाइजर की व्यवस्था तथा कतारों में उम्मीदवारों को सामाजिक दूरी बनाये रखते हुए मास्क का वितरण जैसे प्रबंध आमतौर पर देखने को मिले थे।
कोविड-19 के कारण जेईई (मुख्य) प्रवेश परीक्षा इससे पहले दो बार टाली जा चुकी हैं और अब ये 1 से 6 सितंबर के बीच निर्धारित हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘परीक्षा केंद्र के प्रवेश द्वार और परीक्षा हॉल के अंदर हैंड सैनिटाइजर हर समय उपलब्ध कराये गए हैं। उम्मीदवारों के प्रवेश पत्र जांचने की स्वभाविक प्रक्रिया से इतर इस बार बारकोड रीडर लगाया गया है जिन्हें परीक्षा केंद्र पर अधिकारियों को उपलब्ध कराया गया है।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘सभी उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र पर मास्क और सैनिटाइजर के साथ आने को कहा गया है और केंद्र में प्रवेश करने पर उन्हें परीक्षा प्राधिकार द्वारा उपलब्ध कराये गए मास्क का उपयोग करना है। प्रत्येक उम्मीदवार को प्रवेश करने के समय तीन प्लाई मास्क पेश किये जा रहे हैं और परीक्षा के दौरान उनसे उपलब्ध कराये गए मास्क पहनने की उम्मीद की जाती है। ’’ परीक्षा की पहली पाली सुबह साढे नौ बजे और दूसरी पाली दोपहर 2.
30 बजे शुरू होगी। एनटीए के अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रत्येक पाली की परीक्षा शुरू होने और दूसरी पाली की परीक्षा के बाद सभी सीटों की पूरी तरह से साफ-सफाई की जायेगी और वर्कस्टेशन एवं कीबोर्ड को बिषाणु मुक्त बनाया जायेगा। गौरतलब है कि करीब नौ लाख उम्मीदवारों ने आईआईटी, एनआईटी और केंद्र पोषित तकनीकी संस्थानों में इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिले के लिये जेईई मुख्य परीक्षा के वास्ते पंजीकरण कराया है। ओडिशा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने उम्मीदवारों को आश्वस्त किया है कि उनके आने जाने की व्यवस्था की जायेगी।
इसके अलावा आईआईटी के पूर्व छात्रों और वर्तमान छात्रों ने भी एक पोर्टल शुरू किया है ताकि जरूरतमंद छात्रों को परिवहन सुविधा प्रदान की जा सके। गौरतलब है कि कोविड-19 के प्रसार के कारण जेईई मेन्स और मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के आयोजन को स्थगित करने की मांग की जा रही थी। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने परीक्षा स्थगित करने के संबंध में एक याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि छात्रों के बहुमूल्य वर्ष को बर्बाद नहीं किया जा सकता।