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छोटी कक्षाओं पर परीक्षा का बोझ, मुद्दा पहुंचा NHRC और बाल आयोग

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले तीसरी से आठवीं कक्षा के छात्रों को परीक्षाएं नहीं देनी होंगी। प्राइवेट स्कूलों के छात्रों के लिए यह नियम नहीं है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : March 01, 2021 11:05 IST
Examination burden on small classes, issue reached NHRC and...
Image Source : FILE Examination burden on small classes, issue reached NHRC and Children Commission

नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले तीसरी से आठवीं कक्षा के छात्रों को परीक्षाएं नहीं देनी होंगी। प्राइवेट स्कूलों के छात्रों के लिए यह नियम नहीं है। अभिभावक इसे भेदभावपूर्ण बता रहे हैं। 9वीं और 11वीं कक्षा के लिए ऑनलाइन परीक्षा की मांग भी की जा रही है। परीक्षा से जुड़ा यह विवाद अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग जैसी संस्थाओं तक जा पहुंचा है।

दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के मुताबिक दिल्ली में कक्षा 3 से 8 तक में पढ़ने वाले छात्रों को वार्षिक परीक्षाएं नहीं देनी होगी। निदेशालय ने कहा कि यह फैसला सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगा। दिल्ली सरकार का यह निर्णय उन लाखों अभिभावकों को रास नहीं आ रहा है जिनके बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं।

अभिभावकों ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि चाहे सरकारी हो या प्राइवेट, पिछले लगभग एक साल से छोटी कक्षाओं में पढ़ने वाले सभी बच्चों के स्कूल बंद हैं। दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि हमने राज्यपाल व मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इस पत्र में दिल्ली के शिक्षा विभाग द्वारा 24 तारीख को केवल सरकारी स्कूलों में 8वीं तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए जारी किये गए पत्र व प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की अनदेखी का आरोप लगाया है।

अपराजिता गौतम ने कहा अभी तक हम 9वीं व 11वीं क्लास के ऑनलाइन एग्जाम करवाने की अपील कर रहे थे। हमारी उस अपील पर कोई प्रतिक्रिया शिक्षा विभाग ने नहीं दी। ऊपर से विभाग का केवल सरकारी स्कूलों के 8वीं क्लास के बच्चों के लिए आर्डर जारी कर दिया। अब राज्यपाल, मुख्यमंत्री, एनएचआरसी और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 9वीं व 11वीं क्लास के ऑनलाइन एग्जाम करवाने की अपील की गई है।

वहीं अखिल भारतीय अभिभावक संघ के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, हम दिल्ली सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन इसमें और सुधार की जरूरत है। आठवीं तक के छात्रों के अलावा 9वीं एवं 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए भी सरकार को यही पॉलिसी अपनानी चाहिए। कोरोना के कारण छोटी कक्षाओं में पढ़ने वाले दिल्ली के सभी छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में यह नियम प्राइवेट स्कूल के छात्रों पर भी लागू किया जाए।

दिल्ली सरकार द्वारा लिए गए फैसले के पक्ष में शिक्षाविद केसी कांडपाल ने कहा, लॉकडाउन के कारण सरकारी स्कूल के अनेक छात्रों को संसाधनों के अभाव में ऑनलाइन शिक्षा से भी वंचित रहना पड़ा है। हालांकि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई भी स्कूल बंद होने के कारण प्रभावित हुई है। ऐसे में सरकार चाहे तो प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को भी राहत दी जा सकती है।

दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली 11वीं कक्षा की छात्रा वैभवी के मुताबिक स्कूल खुलने के बावजूद अभी तक स्कूलों में सामान्य रूप से नियमित पढ़ाई नहीं शुरू हुई है। पूरा साल हमने ऑनलाइन पढ़ाई की है। ऐसे में परीक्षाएं भी ऑनलाइन करवाई जा सकती थी, लेकिन यह फैसला लागू नहीं किया गया। अब अगले सप्ताह से ऑफलाइन परीक्षा का ऐलान भी कर दिया गया है।

 

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