हर मां-बाप का सपना होता है कि उसके बच्चे खूब पढ़े-लिखें और खूब नाम कमाएं। अधिकतर लोग अपने मां-बाप के सपनों के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं और सफल भी होते हैं। वो अपना और अपने मां-बाप का नाम खूब रोशन करते हैं। कुछ ऐसे ही एक खबर आज हम आपके लिए लाए हैं जहां लोगों ने अपने बच्चों को इतना पढ़ाया कि आज उनका गावं देश में ही नहीं पूरे एशिया में सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा गांव बन गया है। बता दें कि ये गांव कहीं और नहीं बल्कि यूपी में है। ये गांव उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में है। इस गांव का नाम है धोर्रा माफी, ये गांव पूरे एशिया में अपनी साक्षरता के लिए फेमस है। यहां के स्थानीय निवासी बताते हैं कि साल 2002 में धोर्रा माफी नाम के इस गांव का नाम ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में शामिल हुआ है। इस गांव की साक्षरता दर 75 फीसदी से ज्यादा है जो हर कहीं ज्यादा रिकॉर्ड हुआ है।
खेती कम, नौकरी ज्यादा
इतना ही नहीं इस गांव का नाम 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' के होने वाले सर्वे के लिए भी सेलेक्ट हुआ है। धोर्रा माफी गांव की खासियत की बात करें तो ये किसी शहर से कम नहीं है। यहां सभी के पास पक्के मकान है, 24 घंटे बिजली-पानी और कई इंग्लिश मीडियम स्कूल व कॉलेज भी हैं जैसा किसी बड़े शहर में होता है। इस गांव के बारे में कहा जाता है कि यहां के लोग खेती कम करते हैं और नौकरी पर ज्यादा।
80 फीसदी घरों में अफसर
इस गांव में करीब 10 से 11 हजार लोग रहते हैं। वहीं गांव के करीब 90 फीसदी से ज्यादा लोग पढ़े-लिखे हैं। इतना ही नहीं इस गांव के लगभग 80 फीसदी लोग देश में कई बड़े-बड़े पदों पर कार्यरत हैं। जानकारी के मुताबिक, यहां के कई लोग डॉक्टर, इंजीनियर, साइंटिस्ट, प्रोफेसर और आईएएस अफसर हैं। इस गांव के पास ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी है इसलिए इस गांव में प्रोफेसर और डॉक्टर्स ने भी अपना घर बनाया हुआ है।
विदेशों में भी गांव के लोग
इस गांव के लोग आत्मनिर्भर, शिक्षित और सशक्त हैं। वहीं, साक्षरता के मामले में यहां की महिलाएं भी पुरुषों से कम नहीं हैं। इस गांव के डॉ. सिराज आईएएस अफसर हैं। इसके अलावा फैज मुस्तफा एक यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रह चुके हैं। वहीं, इस गांव का बड़ा तबका विदेशों में भी रह रहा है।
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