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अब हिंदी व क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई जाएगी इंजीनियरिंग! सरकार कर रही तैयारी

हिंदी या अन्य क्षेत्रीय भाषाओं से आने वाले छात्रों को अक्सर इंजीनियरिंग में इंग्लिश से सामना करना पड़ता है। हर छात्र इंग्लिश का सामना आसानी से नहीं कर पाते, उन्हें इस दौरान काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इन सबको देखते हुए सरकार अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में करवाने जा रही है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: November 30, 2022 7:32 IST
हिंदी व क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई जाएगी इंजीनियरिंग- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK.COM हिंदी व क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई जाएगी इंजीनियरिंग

पिछले दिनों हिन्दी व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में मेडिकल की पढ़ाई की शुरुआत हुई। अब सरकार इंजीनियरिंग की पढ़ाई को भी हिन्दी व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू करने की कोशिश में लगी हुई है। इसी के तहत भारतीय भाषाओं में हायर एजुकेशन की पहल के अंतर्गत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इंजीनियरिंग की किताबों पर चर्चा हेतु एक खास कैलेंडर लॉन्च किया है। भारतीय भाषाओं और मातृभाषा में टेक्नीकल एजुकेशन उपलब्ध कराने की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 की तर्ज पर यह पहल की गई है। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के मुताबिक किताबों की सीरीज पर विचार-विमर्श का पहला हिस्सा 31 जनवरी 2023 को पूरा होगा।

इंजीनियरिंग किताबों पर चर्चा

बता दें कि इस सेशन में हिंदी, उड़िया और मराठी मीडियम में इंजीनियरिंग किताबों पर चर्चा होगी। पांच प्रमुख क्षेत्रों के लिए दूसरे साल की इंजीनियरिंग की किताबों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। इन पांच अलग-अलग सिलेबस की किताबों में मैकनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्युनिकेशन, सिविल और कंप्यूटर साइंस शामिल है। AICTE का कहना है कि टेक्निकल एजुकेशन तक सभी की पहुंच कराने के उद्देश्य से 29 नवंबर को इंजीनियरिंग की किताबों पर चर्चा हेतु कैलेंडर लॉन्च किया गया है। अलग-अलग भारतीय भाषाओं में अंडरग्रेजुएशन और डिप्लोमा लेवल की किताबों पर यह चर्चा कैलेंडर मुताबिक की जानी है।

AICTE की इंजीनियरिंग की किताबों पर फरवरी 2023 से शुरू होने वाले विचार-विमर्श में दूसरी भाषाओं, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, पंजाबी, बंगाली, गुजराती, मलयालम, उर्दू और असमिया में छपने वाली किताबों पर चर्चा होगी।

डायरेक्टर ने किया कोआर्डिनेट

AICTE के फैकल्टी डेवेलपमेंट सेल के डायरेक्टर डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव ने 12 भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की किताबों के विकास के लिए AICTE की पहल को कोआर्डिनेट किया। AICTE के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2022) के दिशा निर्देशों के अनुसार टीचिंग व लर्निंग यथा संभव छात्रों हेतु मातृभाषा में होने चाहिए। यदि हम नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले विश्व के शीर्ष 10 देशों का स्टडी करें तो हम पाएंगे कि छात्र वहां प्रारंभिक शिक्षा से लेकर डॉक्टरेट तक का स्टडी अपनी मातृभाषा में करते हैं।"

ये बुक्स हुई कवर

इंजीनियरिंग बुक्स पर हुए डिस्कशन में फर्स्ट ईयर की जिन बुक्स को कवर किया गया, उनमें मैथेमेटिक्स 1 एंड 2, एप्लाइड फिजिक्स-1, अप्लाइड केमिस्ट्री, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और एनवॉयरमेंटल साइंस शामिल है। यह सभी किताबें डिप्लोमा लेवल की हैं। ऑनलाइन पैनल डिस्कशन में अंडरग्रेजुएट लेवल की 9 किताबों पर चर्चा होगी, जिसमें केमिस्ट्री-1, प्रोग्रामिंग फॉर प्रॉब्लम सॉल्विंग, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स और डिजाइन, बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, वर्कशॉप, मैन्युफैक्च रिंग प्रैक्टिसेज, फिजिक्स (इंट्रोडक्शन टु इलेक्ट्रोमैग्नेटिक थ्योरी) की किताबें शामिल हैं।

इसके अलावा फिजिक्स (इंट्रोडक्शन टु मैकेनिक्स), कंप्यूटर साइंस की इंजीनियरिंग ब्रांच मैथेमैटिक्स-1-कैलकुलस और लिनियर अल्जेब्रा भी पैनल डिस्कशन का हिस्सा बनेंगी। इसके अलावा इंजीनियरिंग के दूसरे साल की 5 किताबें भी इस डिस्कशन सीरीज का हिस्सा बनेंगी। इसमें पाइथन प्रोग्रामिंग, मैटलैब में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी वर्कशॉप, फ्लूइड मैकेनिक्स, फ्लूइड मशीन, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स और डाटा स्ट्रक्च र्स थ्योरी एंड प्रैक्टिकल शामिल होंगी।

'छात्रों की समझ गहरा करने की कोशिश'

AICTE के उपाध्यक्ष प्रोफेसर एम.पी. पुनिया ने कहा, सालों से हम टेक्नीकल एजुकेशन में छात्रों की समझ और वैचारिक स्पष्टता को गहरा करने की कोशिश कर रहे हैं। यह तभी होगा जब हम उन्हें उनकी अपनी भाषा में सीखने के लिए विश्वास दिला सकें। हायर एजुकेशन स्तर पर अंग्रेजी भाषा का सामना करने का डर कई छात्रों के लिए पेशेवर क्षेत्र में एंट्री करने में बाधाएं पैदा कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि ये किताबें शिक्षा तक पहुंच, शिक्षा की गुणवत्ता और हमारे छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ावा देंगी।

इन भाषाओं में स्टडी मटीरियल होगा उपलब्ध

AICTE ने भारतीय भाषाओं में पाठय पुस्तकें प्रदान करने के लिए 2021-22 में टेक्निकल बुक लेखन की योजना शुरू की है। इसके तहत हिंदी, मराठी, बंगाली, तमिल, तेलुगू, गुजराती, कन्नड़, पंजाबी, उड़िया, असमी, उर्दू और मलयालम में स्टडी मटीरियल प्रदान किया जाएगा। ध्यान दें कि इन किताबों को IIT, CFTE, NIT, IIIT, AICTE की ओर से मान्यता प्राप्त संस्थानों में पढ़ाया जाएगा।

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