Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. एजुकेशन
  3. शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा में बच्चों के माता-पिता की भागीदारी संबंधी दिशानिर्देश जारी किए

शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा में बच्चों के माता-पिता की भागीदारी संबंधी दिशानिर्देश जारी किए

शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने विद्यालय बंद होने और उसके बाद घर-आधारित शिक्षण में माता-पिता की भागीदारी के लिए शनिवार को दिशा-निर्देश जारी किए ताकि छात्रों को मदद मिल सके।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 19, 2021 20:54 IST
शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा में बच्चों के माता-पिता की भागीदारी संबंधी दिशानिर्देश जारी किए - India TV Hindi
Image Source : PIXABAY शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा में बच्चों के माता-पिता की भागीदारी संबंधी दिशानिर्देश जारी किए 

नयी दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने विद्यालय बंद होने और उसके बाद घर-आधारित शिक्षण में माता-पिता की भागीदारी के लिए शनिवार को दिशा-निर्देश जारी किए ताकि छात्रों को मदद मिल सके। मंत्रालय ने ये दिशानिर्देश ऐसे समय में जारी किये हैं जब कोविड-19 महामारी के कारण के कारण स्कूल बंद हैं और आनलाइन माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है।

शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, घर आधारित शिक्षण के दिशानिर्देश माता-पिता के लिए एक सुरक्षित व आकर्षक वातावरण और एक सकारात्मक सीखने का माहौल बनाने की जरूरत पर जोर देते हैं। इसमें बच्चे से वास्तविक अपेक्षाएं रखते हुए उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने के साथ खानपान एवं खुशनुमा माहौल पर जोर दिया गया है । ये दिशानिर्देश केवल माता-पिता के लिए ही नहीं, बल्कि देखभाल करने वालों, परिवार के अन्य सदस्यों, दादा-दादी, समुदाय के सदस्यों, बड़े भाई-बहनों के लिए भी हैं, जो बच्चों की बेहतरी को बढ़ावा देने के काम में लगे हुए हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ महामारी के इस समय में माता-पिता की भूमिका को बच्चों के विकास और सीखने के लिए महत्वपूर्ण मानते हुए ये दिशानिर्देश जारी किये गए हैं ।’’ उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य उनकी (माता पिता) साक्षरता के स्तर की परवाह किए बिना विद्यालय बंद होने के दौरान बच्चों की सहायता करना एवं उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद करना है। साथ ही 'क्यों', 'क्या', और 'कैसे' संबंधी सवालों के बारे में जानकारी प्रदान करना है।’’

उन्होंने कहा कि घर पहला विद्यालय है और माता-पिता पहले शिक्षक हैं। मंत्रालय के बयान के अनुसार,ये दिशानिर्देश बच्चों के घर पर शिक्षण की सुविधा को लेकर माता-पिता और अन्य लोगों के लिए कई सरल सुझाव प्रदान करते हैं। ये सुझाव योग्य गतिविधियां राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)2020 के तहत स्कूली शिक्षा के विभिन्न चरणों के अनुरूप हैं। इसे आयु-उपयुक्त कला गतिविधियों को 5+3+3+4 प्रणाली के आधार पर वर्गीकृत किया गया है, यानी बुनियादी चरण (उम्र 3-8 वर्ष), प्राथमिक चरण (उम्र 8-10 वर्ष), माध्यमिक चरण (उम्र 11-14 वर्ष) और द्वीतीयक चरण: किशोरावस्था से व्यस्क आयु तक (उम्र 14-18) तक है। ये गतिविधियां सरल और सुझाव योग्य हैं, जिन्हें स्थानीय जरूरतों और संदर्भों के लिए अनुकूलित किया जा सकता और अपनाया जा सकता है।

बयान के अनुसार, ये दिशानिर्देश तनाव या आघात के तहत बच्चों के लिए एक चिकित्सा के रूप में कला की भूमिका को प्रोत्साहित करते हैं। वहीं, ये दिशानिर्देश बच्चों की सीखने की कमियों की निगरानी और उन्हें दूर करके उनके शिक्षण में सुधार लाने पर महत्व देते हैं। इसमें कहा गया है कि दस्तावेजीकरण में माता-पिता का शिक्षकों के साथ सहयोग करना, शिक्षकों व माता-पिता दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

मंत्रालय का कहना है कि ये दिशानिर्देश विद्यालयों को घर पर छात्रों को होमवर्क और अन्य पाठ्यक्रम से संबंधित गतिविधियों, निर्णयों और योजना बनाने में सहायता करने और उन्हें विद्यालय के फैसलों में शामिल करने के आदि की पहल का सुझाव देते हैं। माता-पिता को न्यूजलेटर, ई-मेल, स्मृति पत्र आदि भेजने जैसे संसाधन उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इसमें विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं, जिन्हें उनके माता-पिता देख सकते हैं। वे इस संबंध में मार्गदर्शन के लिए शिक्षकों से संपर्क कर सकते हैं। 

 

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement