देश इस समय कोरोना के गंभीर संकट से जूझ रहा है। मार्च से देश भर में लॉकडाउन लागू होने के बाद स्कूल और कॉलेज बंद है। नया शिक्षण सत्र शुरू हो चुका है। लेकिन कक्षाएं आनलाइन चल रही हैं। इस बीच सरकार ने लॉकडाउन 4.0 की घोषणा कर दी है। लेकिन अभी भी 30 सितंबर तक स्कूल कॉलेज न खोलने की बात गृह मंत्रालय ने की है। इस असमंजस की स्थिति में सभी अभिभावकों के मन में एक ही सवाल है कि स्कूल कब खुलेंगें। हालांकि कोरोना का संकट अभी भी जारी है। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता है।
इस बीच शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया है कि सरकार स्कूल खोलने से पहले किन बातों का ध्यान रख रही है। शिक्षा मंत्री ने कहा, स्कूल-कॉलेज खोलने के विषय पर चर्चा की जा रही है। गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के परामर्श पर ही स्कूल-कॉलेज खोलने का निर्णय लिया जाएगा। जिसके बाद तय किया जाएगा कब, कहां और कैसे स्कूल-कॉलेज खोले जाएंगे। सरकार की ओर से जारी अनलॉक-4 की गाइडलाइंस में 30 सितंबर तक स्कूल-कॉलेज बंद रखने का फैसला किया गया है।
क्या बंद होने पर भी स्कूल ले सकते हैं डेवलपमेंट फीस
Annual and development fees : दिल्ली उच्च न्यायालय ने माना है कि जब तक स्कूल दोबारा खुल न जाएं तब तक छात्रों के माता-पिता से "वर्तमान लॉकडाउन" के दौरान वार्षिक शुल्क और विकास शुल्क नहीं लिया जा सकता है। एक निजी स्कूल के पैरेंट एसोसिएशन द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए 25 अगस्त के आदेश में न्यायमूर्ति जयंत नाथ द्वारा प्रथम दृष्टया राय व्यक्त की गई थी। इस स्कूल ने जुलाई से ट्यूशन फीस के साथ वार्षिक और विकास शुल्क लेना शुरू कर दिया था। अदालत ने स्कूल को जुलाई और महीने के लिए माता-पिता से वार्षिक और विकास शुल्क लेने से अगले आदेशों तक रोक दिया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार और स्कूल को एक नोटिस भी जारी किया, जिसमें माता-पिता के सहयोग की दलील दी गई थी।