बेहतर पढ़ाई कौन नहीं करना चाहता है। ये सुविधा अमीरों के बच्चों को नसीब हो जाती है, गरीबों के बच्चे बढ़िया पढ़ाई से आज भी वंचित हैं। गरीब दिन-रात मेहनत करते हैं कि वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें, लेकिन दिन-ब-दिन बढ़ती फीस उनके सामने पहाड़ बन जाती है। ऐसे में उनके बच्चों को मजबूरन अपनी पढ़ाई से समझौता करना पड़ता है या बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। ऐसे में गरीब आदमी बड़े साहूकारों के यहां अपनी जमीन या कीमती सामान गिरवी रखने को मजबूर हो जाता है। निराश न हों ऐसे स्थिति से बचने के लिए हम आपको ये जानकारी देने जा रहे हैं जिससे आप अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। जानकारी दे दें कि पढ़ाई के लिए बैंक लोन देते हैं, जिसका फायदा जानकारी न होने के कारण गरीब बच्चे नहीं उठा पाते हैं। आरबीआई द्वारा जारी एक डाटा के मुताबिक, बीते साल 12 नवंबर, 2022 तक हुए 12 महीनों में एजुकेशन लोन प्रदान किए जाने में 12 प्रतशित की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। एक अन्य डाटा के मुताबिक बीते 10 सालों में विदेश में पढ़ाई करने के लिए एजुकेशन लोन लेने वाले छात्रों में 215 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस तरह की बढ़ोतरी की वजह बनी हैं सरकार की ओर से एजुकेशन लोन की प्रक्रिया को सहज और पारदर्शी बनाना। आइए जानते हैं कैसे उठा सकते हैं आप इसका लाभ
किसे मिल सकता है एजुकेशन लोन
एजुकेशन लोन हर छात्र को मिल सकता है हालांकि इसे लेकर हर बैंक के अलग-अलग एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया होते हैं। कुछ बैंक केवल विदेश में पढ़ाई करने के लिए एजुकेशन लोन देते हैं, वहीं, अन्य देश और विदेश दोनों में पढ़ाई के लिए लोन देते हैं। किसी बैंक में आपके साथ एक को-एप्लीकेंट जरूरी हो सकता है, जैसे आपके माता-पिता या अभिभावक आदि। ध्यान दें कि लोन केवल स्पेशल कोर्स या स्पेशल देशों में कराए जा रहे कोर्सों के लिए ही उपलब्ध हो सकता है।
किन कोर्स की पढ़ाई के लिए मिलेगा?
ज्यादातर छात्रों के बीच ये गलतफहमी होती है कि एजुकेशनल लोन केवल इंजीनियरिंग, मेडिकल या एमबीए जैसे कोर्सों के लिए ही मिलता है, पर यह सच नहीं है, एजुकेशनल लोन हर उस कोर्स के लिए मिलता है, जो आप करना चाहते हैं। चूंकि जनरल ग्रेजुएट या पोस्टग्रेजुएट के कोर्सों की फीस अधिक नहीं होती, इस कारण डिप्लोमा या डिग्री लेवल के वोकेशनल कोर्स के लिए ही छात्र बैंकों में आवेदन करते हैं। बता दें कि पढ़ाई के लोन की शर्तें हर कोर्स के हिसाब से अलग हो सकती हैं।
क्या होती हैं ब्याज दरें
एजुकेशन लोन की ब्याज दरें और प्रोसेसिंग फीस अन्य लोन के अपेक्षा कम होती हैं। याद रखें कि इसका खर्च छात्र को ही वहन करना होता है। इस तरह के लोन के लिए ब्याज दरें कोर्स के प्रकार, यूनिवर्सिटी और एकेडेमिक ट्रैक रिकॉर्ड पर डिपेंड करती हैं। इसी के साथ क्रेडिट रेटिंग, कोलेटरल (जिसके बदले लोन लें रहे हों), जैसी चीजें भी हो सकती हैं।
लोन रिपेमेंट की शर्तें
लोन चुकाने की शर्तें ऋणदाता संस्था पर निर्भर करती हैं। मोरेटोरियम (जिस अवधि में लोन चुकाना नहीं होता है) के साथ इसमें दो विकल्प मिलते हैं। पढ़ाई की अवधि के दौरान छात्र को ब्याज नहीं देना पड़ता। वो ब्याज लोन की राशि में जुड़ता जाता है और मोरेटोरियम (पढ़ाई और छह महीने या एक साल की अवधि) के बाद छात्र को किस्तों के रूप में राशि चुकानी होंती हैं। ध्यान दें कि जब लोन मोरेटोरियम के बिना होता है, तो कोर्स के खत्म होते ही भुगतान शुरू हो जाता है। इससे छात्र पर बोझ पड़ सकता है इसीलिए बेहतर हैं लोन लेने से पहले ही रिपेमेंट की शर्तें जान लें, ताकि लोन चुकाने में कोई समस्या न हो।
एजुकेशन लोन के लिए बैंकों की शर्तें
जानकारी दे दें कि एजुकेशन लोन के लिए बैंकों की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं। राष्ट्रीयकृत बैंक से लेकर निजी बैंकों और विभिन्न राज्य सरकारों ने मेधावी छात्रों की पढ़ाई के लिए कम दरों पर एजुकेशन लोन उपलब्ध कराए हैं।
भारत में एजुकेशनल लोन देने वाले राष्ट्रीयकृत बैंकों का प्रारूप करीब-करीब एक जैसा है। यहां कुल तीन कैटेगरी में एजुकेशनल लोन मिल सकता है। हालांकि निजी बैंकों की कुछ अलग शर्तें होती हैं जिसकी जानकारी आप अपनी नजदीकी प्राइवेट बैंक में जाकर पूछ सकते हैं।
राष्ट्रीयकृत बैंकों की कैटेगरी
4 लाख तक का लोन- अधिकतम 4 लाख रुपये तक के लोन के लिए आपको किसी भी गारंटर और किसी कोलेटरल (गिरवी रखने के लिए कोई संपत्ति) की जरूरत नहीं होगी। यदि एडमिशन किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में हुआ है, तो इस आधार पर बैंक आपको एजुकेशन लोन दे सकता है।
4 लाख से अधिक और 7.5 लाख से कम तक का लोन- इस ब्रैकेट की लोन राशि के लिए किसी आर्थिक रूप से संपन्न गारंटर की जरूरत होगी, लेकिन कोई कोलेटरल देने की जरूरत नहीं होगी।
7.5 लाख से ज्यादा का लोन- देश या फिर विदेश में पढ़ने के लिए 7.5 लाख रुपये से अधिक एजुकेशन लोन के लिए जहां एक ओर आपके पास कम से कम एक गारंटर होना चाहिए, वहीं कोई कोलेटरल भी देने पड़ेगी।
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