Learning Tips: कोई भी स्टूडेंट जो रेगुलर एग्जाम या कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी करता है तो पूरा कोर्स पढ़ता है। किताबों का एक भी पन्ना पढ़ने और याद करने के लिए छूट न जाए इसकी पूरी कोशिश करता है। हालांकि हर बार पढ़ा हुआ सब कुछ याद रख पाना मुश्किल हो जाता है। ज्यादातर स्टूडेंट्स पेरेंट्स और टीचर्स के सामने एक ही बात की शिकायत करते हैं कि वो घंटों तक पढ़ाई तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सब कुछ याद नहीं रह पाता है। अगर आपके साथ भी ऐसा ही होता है तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ टिप्स। इन टिप्स को फॉलो करके आपको पढ़ा हुआ न सिर्फ हमेशा याद रहेगा बल्कि आप एग्जाम में भी बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।
रोजमर्रा की चीजों से करें रिलेट
एग्जाम का सिलेबस आपको लंबे समय तक याद रहे इसके लिए आपको चीजों को रोजमर्रा से जोड़ना होगा। जब आप चीजों को रोजमर्रा से जोड़ते हैं तो वो लंबे समय तक याद रहती हैं। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आपको कुछ इतिहास से जुड़ा याद करना है तो ये सोचिए कि सलीम अली को बर्ड मैन ऑफ इंडिया भी कहा जाता हैं, तो आप आंख बंद करके अपने दिमाग में सोचेंगे की सलीम और अली नाम के दो लड़के, इंडिया के मैप के ऊपर चिड़ियों के साथ खेल रहे हैं और फिर अचानक सब आपस में टकराकर एक सलीम-अली नाम के आदमी रूपी चिड़िया में बदल गए या बर्ड मैन ऑफ इंडिया बन जाते हैं।
नोट्स बनाएं
बीपीएससी के स्टूडेंट्स को पढ़ाने वाले टीचर प्रशांत कुमार का कहना है कि, किसी भी चीज को लंबे समय तक याद रखने का बेस्ट तरीका है उसे लिखना। पढ़ाई के दौरान आपने जो कुछ भी पढ़ा है उसे एक छोटी डायरी या नोटबुक में लिखें। ऐसा करने से स्टूडेंट को पढ़ी हुई चीजें लंबे समय तक याद रहेंगी। साथ ही जब रिवीजन का वक्त आएगा तो आपको मोटी-मोटी किताबें पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी आप नोट्स से ही अपना रिवीजन पूरा कर सकते हैं।
काल्पनिक छात्र को पढ़ाएं
किसी भी स्टूडेंट को चीजें लंबे समय तक इसलिए याद रहती हैं क्योंकि वो टीचर से सीखता है। इसलिए खुद को पढ़ाने की कोशिश करें। किताबों से सिलेबस की चीजों को याद करने के बाद आईने के सामने खड़े हो जाएं और टीचर की तरह खुद को ही पढ़ाएं। ऐसा करने से आपके मन में जो डाउट्स हैं वो क्लियर हो जाएंगे। साथ ही पढ़ा हुआ लंबे समय तक याद रखने में ज्यादा परेशानी नहीं आएगी।
एकाग्रता या फोकस बढ़ाने की कोशिश करें
स्टूडेंट्स को पढ़ी हुई चीजें इसलिए भी ज्यादा लंबे समय तक याद नहीं रहती हैं क्योंकि उनमें फोकस की कमी होती है। फोकस को सुधारने के लिए शतरंज, सुडोकू इत्यादि कुछ ऐसे खेल को ट्राई किया जा सकता है।