आज दिल्ली यूनिवर्सिटी अपनी शताब्दी समापन समारोह मना रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी आज यूनिवर्सिटी में छात्रों के बीच पहुंचे हैं। पीएम मोदी दिल्ली मेट्रो से सफर कर यूनिवर्सिटी पहुंचे हैं। यहां आज शताब्दी समारोह के समापन समारोह के दौरान पीएम ने यूनिवर्सिटी कैंपस में तीन नई इमारतों की आधारशिला रखी है। इसके बाद पीएम ने छात्रों को संबोधित किया। पीएम के संबोधन से पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी के VC प्रोफेसर योगेश सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में एक विशेष कविता पढ़ी। उन्होंने कहा, 'ऐसे प्रधानमंत्री कहां मिलते हैं...'। उन्होंने पीएम मोदी को अद्भुत रूप से प्रभावी, मेहनती और देशप्रेमी भी कहा। प्रोफेसर ने शिक्षामंत्री धमेंद्र प्रधान का भी स्वागत किया।
आइए जानते हैं पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें
- पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ लोग जो मेरे सामने बैठे हैं वे मेरे साथ के हैं, यहां आना मतलब घर आने जैसा है। पीएम ने छात्रों के लिए कहा कि जिसके पास ज्ञान है वही बलवान है।
- अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी का इतिहास खास है। यह सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं, बल्कि एक मूवमेंट है। इस यूनिवर्सिटी ने अपने लंबे इतिहास में हर आंदोलन को जिया है। कभी दिल्ली यूनिवर्सिटी में केवल 3 कॉलेज थे, आज 90 से ज्यादा हैं।
- आज भारत के विश्वविद्यालय ग्लोबल स्तर पर पहचान बन रहे हैं। अमेरिका , माइक्रोसॉफ्ट, गूगल जैसी बड़ी कंपनियों ने भारत में बड़ा निवेश करने का फैसला लिया है। ये विकास आने वाले दस्तक है।
- दुनिया में भारतीय टीचर की अलग पहचान बनी है। जब मैं विदेश जाता हूं तो लोग अपने इंडियन टीचर की बात करते हैं और खूब प्रंशसा करते हैं। भारत के युवाओं पर दुनिया का विश्वास बढ़ा है। पहली बार पैशन को प्रोफेशन बनाने के इतने मौके बन रहे। फ्यूचर मेकिंग इनोवेशन आपके यहां हो, इसके लिए आपको लगातार काम करना होगा।
- 2014-15 से पहले देश में कुछ सौ स्टार्टअप थे। अब भारत में स्टार्टअप की संख्या 1 लाख पार कर गई है। AI और VR अब साइंस फिक्शन नहीं, हमारे जीवन का हिस्सा हैं। ड्राइविंग से लेकर सर्जरी तक, सभी कुछ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संभव हो रहा है।
- आज दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है। एआई तेजी से हमारे जीवन के हिस्सा बनती जा रही है। रोबोटिक्स अब न्यू नॉर्मल हैं, इस ओर छात्रों को काम करना होगा।
- हमारे एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं, इसके पीछे सबसे बड़ी गाइडिंग फोर्स है भारत की युवा शक्ति। एक समय था जब स्टूडेंट्स किसी इंस्टिट्यूट में एडमिशन से पहले केवल प्लेसमेंट को प्राथमिकता देते थे। युवा अब कुछ नया करना चाहता है।
- भारत को 2047 तक विकसित देश बनने का लक्ष्य है। देश के IIT IIM जैसे संस्थान तेजी से आगे बढ़ रहे है। कभी भारत की इकॉनमी खस्ता हालत में थी, आज दुनिया की टॉप 5 इकॉनमी में शामिल हो गई है।
- अब डीयू में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा हो गई है इसका अर्थ है कि शिक्षण संस्थाओं की जड़ें जितनी गहरी होती हैं, देश की शाखाएं उतनी ही फैलती हैं।
- पीएम मोदी ने नालंदा यूनिवर्सिटी का जिक्र करते हुए कहा कि जब भारत के पास नालंदा जैसे विश्वविद्यालय थे तब भारत सबसे आगे था। गुलामी के दौरान भारत के कई संस्थान तबाह हुए।
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