नई दिल्ली। शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) ने दिल्ली विश्वविद्यालय स्थित विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल को तुरंत हटाए जाने की मांग की है। डीटीए के मुताबिक कोरोना काल में प्रिंसिपल ने विभिन्न विभागों में कार्यरत्त 12 एडहॉक टीचर्स की सर्विस टर्मिनेट की। इस संबंध में डीयू के कार्यवाहक वाइस चांसलर प्रोफेसर पीसी जोशी से भी विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल द्वारा किए गए व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा की गई है।
डीटीए ने बताया है कि इन 12 एडहॉक टीचर्स में 5 एडहॉक टीचर्स को कोरोना ने पूरी तरह से अपनी चपेट में लिया हुआ है। कोरोना से पीड़ित टीचर्स की हालत बहुत ही खराब है। परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है ,वहीं दूसरी ओर उनकी सर्विस टर्मिनेट कर दी गई। ऐसे समय में जबकि परिवार को आर्थिक सहायता बहुत जरूरी है।
डीटीए प्रभारी डॉ हंसराज सुमन अध्यक्ष डॉ आशा रानी व सचिव डॉ मनोज कुमार सिंह ने वाइस चांसलर से यह भी मांग की है कि जो प्रिंसिपल एडहॉक टीचर्स को ईडब्ल्यूएस रोस्टर ,वर्कलोड के नाम पर हर चार महीने बाद एडहॉक टीचर्स को हटाने की कोशिश करें ऐसे प्रिंसिपल को आने वाले दिनों में 6 महीने का एक्सटेंशन न दे। उनका कहना है कि जब तक कॉलेजों में एडहॉक प्रिंसिपल रहेंगे वे इसी तरह से शिक्षकों को परेशान करते रहेंगे। उन्होंने जल्द से जल्द प्रिंसिपल पदों पर स्थायी नियुक्ति की मांग की है।
डॉ. हंसराज सुमन ने यह भी बताया है कि पिछले तीन सप्ताह से ये एडहॉक टीचर्स प्रिंसिपल से गुहार लगा रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि ईडब्ल्यूएस रोस्टर के कारण पदों में बदलाव आया है। साथ ही वर्कलोड भी खत्म हो गया। उन्होंने बताया है कि विवेकानंद कॉलेज में लंबे समय से विभिन्न विभागों में ये शिक्षक एडहॉक टीचर्स के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे। 29 अप्रैल के बाद उन्हें रिज्वाईनिंग कराना था मगर तीन सप्ताह व्यतीत हो चुके हैं उन्हें आज तक रिज्वाइनिंग नहीं कराया।
डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि इन 12 एडहॉक टीचर्स का कार्यकाल 29 अप्रैल 2021तक था । 30 अप्रैल को इन्हें फिर से रिज्वाईनिंग लेटर ( पुनर्नियुक्ति पत्र ) दिया जाना था लेकिन विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल ने इन 12 एडहॉक टीचर्स की सर्विस टर्मिनेट 29 अप्रैल को ही कर दी।
उन्होंने बताया कि डीटीए ने इन शिक्षकों को तुरंत ज्वाइनिंग कराने के लिए कॉलेज की गवनिर्ंग बॉडी के चेयरमैन से बात की और उन्हें एक मांग पत्र ज्ञापन भेजा जिसमें विभिन्न विभागों में पढ़ा रहे एडहॉक टीचर्स को जल्द से जल्द ज्वाइनिंग कराने की मांग की गई थीं। लेकिन उन्होंने भी अभी तक इन शिक्षकों को रिज्वाईनिंग कराने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया ।
डीटीए ने वाइस चांसलर से यह भी मांग कि है कि 5 दिसंबर 2019 के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सकरुलर को लागू करते हुए जब तक स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती किसी भी एडहॉक टीचर्स को उनके पदों से नहीं हटाया जाए।