Friday, November 22, 2024
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Maharana Pratap Jayanti 2023: साल में दो बार क्यों मनाई जाती है महाराणा प्रताप की जयंती, जानिए उनसे जुड़ी कुछ बातें

Maharana Pratap Jayanti 2023: महाराणा प्रताप के अदम्य शौर्य और पराक्रम की गाथा से तो कोई भी अंजान नहीं होगा। महाराणा प्रताप भारत के महान शूरवीर सपूतों में एक थे, जिनके शौर्य, त्याग और बलिदान की गाथाएं आज भी देश में चारों तरफ गूंजती हैं।

Edited By: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 09, 2023 16:07 IST
साल में दो बार क्यों मनाई जाती है महाराणा प्रताप की जयंती- India TV Hindi
Image Source : WIKIPEDIA साल में दो बार क्यों मनाई जाती है महाराणा प्रताप की जयंती

Maharana Pratap Jayanti 2023: महाराणा प्रताप के अदम्य शौर्य और पराक्रम की गाथा से तो कोई भी अंजान नहीं होगा। महाराणा प्रताप भारत के महान शूरवीर सपूतों में एक थे, जिनके शौर्य, त्याग और बलिदान की गाथाएं आज भी देश में चारों तरफ गूंजती हैं। इंग्लिश कैलेंडर के मुताबिक महाराणा प्रताप का जंम 9 मई यानी आज ही के दिन 1540 को राजपूत राज परिवार में मेवाड़ के कुम्भलगढ में हुआ था। इस वर्ष महाराणा प्रताप की 489 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। 

हिंदू पंचांग के मुताबिक महाराणा प्रताप जेठ मास की तृतीया को गुरु पुष्य नक्षत्र में हुआ था। इस कारण विक्रम संवत के मुताबिक 22 मई को भी महाराणा प्रताप की जयंती है। एसे में ऐसे में इंग्लिश कैलेंडर और हिंदू पंचांग दोनों के अनुसार ही महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जा रही है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि महाराणा प्रताप के जन्मस्थान के प्रश्न पर दो धारणाएँ है। पहली धारणा ये है कि महाराणा प्रताप का जंम कुम्भलगढ़ दुर्ग में हुआ था क्योंकि महाराणा उदयसिंह एवं जयवंताबाई का विवाह कुंभलगढ़ महल में हुआ। दूसरी धारणा यह है कि उनका जन्म पाली के राजमहलों में हुआ था।

महराणा ने 1572 से 1597 तक मेवाड़ राज्य पर शासन किया। अपने शासनकाल के दौरान, महाराणा प्रताप को अकबर के अधीन शक्तिशाली मुगल साम्राज्य सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। महाराणा ने मुगलों के अधीन होने से इनकार कर दिया और इसके बजाय अपने राज्य की स्वतंत्रता के लिए अकबर के खिलाफ लड़ने का विकल्प चुना। जिसके बाद 1576 में ऐतिहासिक हल्दीघाटी का युद्ध हुआ। हल्दीघाटी का युद्ध, महाराणा प्रताप द्वारा मुगलों के खिलाफ लड़ी गई सबसे प्रसिद्ध लड़ाइयों में से एक है। महराणा प्रताप का नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिये अमर है। लेकिन महराणा के बारे में ऐसे बहुत सी बातें हैं जिनसे लोग अनभिज्ञ हैं। इनमें से कुछ को हमने बिंदुवार तरीके से बताया है। 

  • महाराणा प्रताप एक कुशल घुड़सवार और तलवारबाज थे। उन्होंने बचपन से ही युद्ध कला और घुड़सवारी की कला सीखी थी, जो बाद में उन्हें लड़ाई में मदद करती थी। 
  • महाराणा प्रताप की 11 पत्नियां थीं, और उनकी पहली पत्नी महारानी अजबदे पंवार थीं। 
  • महाराणा प्रताप के पुत्र अमर सिंह केवल 15 वर्ष के थे जब उन्होंने हल्दीघाटी के युद्ध में मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। 
  • हल्दीघाटी के युद्ध के बाद, महाराणा प्रताप कई वर्षों तक जंगलों में रहे और मुगलों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध लड़ा। 
  • महाराणा प्रताप की सेना में राजपूत, भील, जाट और मुस्लिम समेत सभी जातियों और धर्मों के लोग शामिल थे। 
  • महाराणा प्रताप कला और साहित्य के संरक्षक थे। उसने अपने राज्य में संगीत, नृत्य और कविता को बढ़ावा दिया। 
  • महाराणा प्रताप के भोजन करने का तरीका निराला था। वह केवल एक ही आग पर पका हुआ खाना खाता था, और जलाऊ लकड़ी जंगल से लानी पड़ती थी।

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