what is the difference between mountain and hill: देश में गर्मी के सीजन ने दस्तक दे दी है। गर्मी के आते ही लोगों का हिल्स और माउंटेन पर जाने का प्लान तैयार हो ही जाती है। गर्मी के मौसम में ज्यादातर लोग ऊंची और ठंडी जगह यानी पहाड़ों पर जाना पसंद करते हैं। आप लोगों ने कभी न कभी हिल्स की टूरिंग की ही होगी। कई लोग ये कहते हुए नजर आते हैं कि वे पहाड़ों(माउंटेन) पर घूमने जो रहे हैं और कोई कहता हम हिल्स पर वैकेशन इंजॉय करने जा रहे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि माउंटेन और हिल मे क्या अंतर होता है? इस खबर के जरिए आज हम आपको बताएंगे कि हिल और मांउटेन में क्या अंतर होता है।
क्या है माउंटेन
पहाड़ यानी माउंटेन का निर्माण प्राकृतिक रूप से होता है। ये बेहद विशालकाय और ऊंचे-ऊंचे होते हैं। अगर हम इनकी ऊंचाई की करें तो इनकी नॉर्मल ऊंचाई 2000 मीटर से ज्यादा मानी गई है। इन विशाल पर्वतों का निर्माण फॉल्टिंग के कारण हुआ है। साइंटिस्टों के मुताबिक जब दो टेक्टोनिक प्लेट्स एक दूसरे से टकराती है, तब एक प्लेट ऊपर और दूसरी नीचे हो जाती है। तभी जो ऊपर वाली प्लेट होती है वो धरती के बाहर आकर पहाड़ बन जाती है। इनपर चढ़ाई करना बेहद कठिन होती है, क्यों कि इनकी सीधी चढ़ाई होती है।
किसे कहते हैं हिल्स
माउंटेन या पहाड़ों की तुलना में हिल बहुत ज्यादा ऊंचे नहीं होते हैं। इनकी ऊंचाई की बात करें तो ये 2000 मीटर से ज्यादा ऊंचे नहीं होते हैं या यूं कहें कि इससे कम ही होती है। जब हम इनके निर्माण की बात करते हैं तो इनका निर्माण Soil Erosion या फॉल्टिंग के जरिए हुआ था। हिल्स की चढ़ाई पहाड़ों की तरह खड़ी और कठिन नहीं होती, इसपर आसानी से चढ़ा जा सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक बहुत समय पहले हिल्स पहाड़ों का ही हिस्सा हुआ करते थे, समय के साथ हुए Soil erosion के चलते अब सिर्फ हिल्स रह गए हैं। इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण देश की राजधानी दिल्ली में रायसीना हिल्स है, जहां राष्ट्रपति भवन बना हुआ है।
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