अगर आप साइंस के छात्र हैं तो Issac Newton के नाम और काम से भलीभांति परिचित होंगे ही। केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के लगभग हर देश में वहां के साइंस स्ट्रीम के छात्र न्यूटन के नाम से भिज्ञ होंगे। आइजैक न्यूटन का जन्म 4 जनवरी 1643 को हुआ था। महान साइंटिस्ट Issac Newton ने साल 1686 में गति के नियम('Principia Mathematica Philosophiae Naturalis') दिए थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि न्यूटन से पहले ही हमारे देश के एक महान ऋषि ने गति के नियम दे दिए थे। चलिए इस खबर के माध्यम से हम आपको इस जानकारी से अवगत कराते हैं।
किसने दिया था गति का नियम न्यूटन से पहले?
ऐसा दावा किया जाता है कि आचार्य कणाद ने न्यूटन से वर्षों पहले ही गति के नियम के बारे में बता दिया था। Issac Newton ने अपने शोधपत्र में तीन नियम दिए थे। वहीं, वैशेषिक सूत्र के मुताबिक आचार्य कणाद ने 600 बीसी में गति के नियम को बता दिया था। असिस्टेंट प्रोफेसर प्रियांक भारती ने यह दावा किया था। उनका शोधपत्र 'आचार्य कणाद: फादर ऑफ फिजिक्स एंड ट्रू इनवेंटर ऑफ लॉ ऑफ मोशंस' था।
कौन थे आचार्य कणाद?
महान ऋषि कणाद को परमाणु सिद्धांत का जनक भी कहा जाता है। उनके जंम का नाम कश्यप था। ऐसा माना जाता है कि उनका उन्होंने लगभग 2600 साल पहले परमाणु संरचना, परमाणु सिद्धांत और यहां तक कि उप-परमाणु कणों की खोज की थी। उन्होंने कणाद सूत्र का प्रतिपादन किया, जो कणाद के सूत्र कहे जाते हैं। इन सूत्रों को भौतिकी के क्षेत्र में सबसे महान कार्यों में से एक माना जाता है।
Issac न्यूटन के लॉ ऑफ मोशन
न्यूटन का गति का पहला निया (Inertia)
न्यूटन का गति का तीसरा नियम(Force)
न्यूटन का गति का तीसरा नियम (क्रिया और प्रतिक्रिया)
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