भारतीय रेलवे को भारत की धड़कन कहा जाता है। रोजाना लाखों लोग भारतीय रेल से सफर करते हैं। रेलगाड़ी का इंजन काफी पावरपुल होता है, वो तकरीबन 6 से 7 पैसेंजर डिब्बे रोजाना खींचते हैं। क्या आपके मन में ये ख्याल आया कि एक रेल का इंजन कितना ताकतवर होता है? आखिर ये इंजन कितने सीसी का होता है और क्या है ये लोकोमोटिव इंजन? आइए जानते हैं यहां...
रेल का इंजन कितना होता है पावरफुल?
अगर आप भी रेल के पूरे लोकोमोटिव को इंजन समझते है, तो आप यहां गलत है। इंजन सिर्फ लोकोमोटिव का एक हिस्सा है न कि पूरा इंजन। ये दोनों ही चीजे एक-दूसरे से बिलकुल अलग है। बात करें इंजन की ताकत की तो, एक डीजल लोकोमोटिव का एक इंजन 16 सिलेंडर और 32 वॉल्व का होता है। बता दें कि एक सिलेंडर में 10,941 सीसी की क्षमता होती है, तो 16 सिलेंडर में 175,056 सीसी की क्षमता होती है।
जानकारी दे दें कि एक सिलेंडर में करीब 150 लीटर डीजल का यूज होता है, जबकि चार सिलेंडर वाली कार में एक यो दो लीटर का यूज होता है। आपको जानकर ये ताज्जुब होगा कि एक डीजल लोकोमोटिव के टैंक में 500-1000 नहीं बल्कि 50 हजार लीटर तक डीजल भरा जा सकता है।
लोकोमोटिव इंजन की कैपेसिटी
बता दें कि सड़क पर चलने वाली कार के इंजन की कैपेसिटी को सीसी में मापा जाता है वहीं, लोकोमोटिव इंजन को लीटर में मापा जाता है। 1 लीटर का मतलब 1 हजार सीसी, तो डीजल इंजन के एक सिलेंडर की कैपेसिटी हुई 10.94 लीटर। वहीं, 16 सिलेंडर की कैपेसिटी 175 लीटर हुई। ट्रेन के हर लोकोमोटिव इंजन की अलग-अलग अपनी कैपेसिटी होती है और उसी हिसाब से इंजन को काम में इस्तेमाल किया जाता है।
लगे होते हैं सुपरचार्जर
एक लोकोमोटिव में सुपरचार्जर भी लगे होते हैं, जिसका वजन कई टन होता है। जानकारी दे दें कि एक लोकोमोटिव में सुपरचार्जर तक का वजन 15 से 20 टन तक पहुंच सकता है। सुपरचार्जर एक प्रेशर बूस्टिंग यंत्र होता है, जिसका काम इंजन में हवा देना होता है। बता दें कि ये सुपरचार्जर काफी महंगे होते है। साथ ही जानकारी दे दें कुछ सुपरचार्जर की कीमत करोड़ों में होती है