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आर्मी में महिलाओं के साथ हो रहा है भेदभाव! सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए मांगा जवाब

इस मामले पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और आने वाले दो हफ्तों में इस पर जवाब मांगा है। अदालत ने इस मामले पर कहा कि हम चाहते हैं कि इन सभी महिलाओं को प्रमोशन दी जाए।

Edited By: India TV News Desk
Published : Nov 22, 2022 14:21 IST, Updated : Nov 22, 2022 14:21 IST
discrimination against women in indian army
Image Source : FILE PHOTO आर्मी में महिलाओं के साथ हो रहा है भेदभाव!

भारत एक ऐसा देश है जिसे हम 'माता' कहते हैं। यहां नारी शक्ति को हमेशा से सर्वोपरि माना गया है। लेकिन आज इसी भारत देश में इंडियन आर्मी पर आरोप लग रहे हैं कि वह अपने यहां महिला अधिकारियों के साथ भेदभाव कर रहा है। दरअसल, साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए भारतीय सेना को यह निर्देश दिया था कि अधिकारियों को कमीशन दिया जाए। हालांकि, अब इस मामले में 34 महिला आर्मी अधिकारियों ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके प्रमोशन में देरी की जा रही है। आपको बता दें कि पहले भी कोर्ट के ही आदेश पर इन महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया गया था।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने

इस मामले पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और आने वाले दो हफ्तों में इस पर जवाब मांगा है। अदालत ने इस मामले पर कहा कि हम चाहते हैं कि इन सभी महिलाओं को प्रमोशन दी जाए। दरअसल, इन्ही 34 महिला आवेदकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका को दायर किया गया था। इस याचिका को दायर करने वाली महिला अधिकारियों में कर्नल टीएस प्रियंवदा ए मर्डीकर और कर्नल टीएस आशा काले भी शामिल हैं, जिन्होंने विशेष चयन बोर्ड में भेदभाव का आरोप लगाया था। स्थायी कमीशन वाली महिला अधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जूनियर पुरुष अधिकारियों को प्रमोशन दिया जा रहा है, लेकिन उनका प्रमोशन अटका हुआ है।

महिलाओं के लिए विशेष चयन बोर्ड पर भी पूछा सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए महिलाओं के लिए विशेष चयन बोर्ड पर भी सवाल किया। दरअसल सेना की ओर से कोर्ट में सीनियर वकील आर बालासुब्रमण्यन पेश हुए थे। सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने वकील से पूछा कि महिला अधिकारियों के लिए चयन बोर्ड का गठन क्यों नहीं किया जा रहा है? जबकि पुरुष अधिकारियों के लिए ऐसा हो रहा है। क्या हम जान सकते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है? इस सवाल पर जवाब देते हुए सीनियर वकील आर बालासुब्रमण्यन ने कहा कि महिला अधिकारियों के 150 अतिरिक्त पदों के लिए विशेष चयन बोर्ड बुलाया जाएगा। दरअसल, अभी चयन बोर्ड केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहा है।

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