नयी दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा 10वीं और 12 वीं कक्षाओं के लिए साल में दो बार परीक्षाओं की व्यवस्था लाये जाने के साथ ही (दिल्ली के) शिक्षा निदेशालय ने अकादमिक सत्र 2021-22 से दिल्ली में सभी सरकारी, निजी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों को नौंवी एवं ग्यारहवीं कक्षाओं के लिए यही मूल्यांकन प्रणाली अपनाने को कहा है।
शिक्षा निदेशालय के आदेश में कहा गया है, 'अकादमिक सत्र दो बार परीक्षाओं वाला होगा, यानी मध्यावधि परीक्षा (पहला टर्म टेस्ट) और वार्षिक परीक्षा (दूसरा टर्म टेस्ट) और दोनों के लिए 50-50 फीसद पाठ्यक्रम होगा।' इस आदेश में कहा गया है, 'विद्यालयों द्वारा उपलब्ध कराये गये छमाही एवं वार्षिक एवं विषयवार अंक के अनुसार अंतिम नतीजों में हर टर्म का 50 फीसद मूल्यांकन भार होगा।'
इस आदेश में बताया गया है कि पहला टर्म यानी छमाही परीक्षा 90 मिनट की होगी और यह परीक्षा सितंबर-अक्टूबर में होगी जिसमें बहु विकल्प प्रश्न होंगे। वार्षिक परीक्षा दो घंटे की होगी और उसमें छोटे या बड़े दोनों प्रश्न हो सकते हैं। केंद्रीय माध्यिक शिक्षा बोर्ड ने कोविड-19 महामारी के चलते अगले वर्ष 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के लिए विशेष मूल्यांकन योजना घोषित की थी और अकादमिक सत्र को दो खंडों (टर्म) में बांट दिया था।