Sunday, December 22, 2024
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'EWS कैटेगरी के लिए सीटों के रिजर्वेशन का मकसद पूरा नहीं होगा अगर...': दिल्ली हाई कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और वंचित वर्ग (CG) के लिए सीटों के रिजर्वेशन का पूरा मकसद विफल हो जाएगा अगर उनके लिए सीटों को समीप में रहने के मानदंड के आधार पर बेकार जाने दिया जाता है।

Reported By : PTI Edited By : IndiaTV Hindi Desk Published : Jun 01, 2023 18:34 IST, Updated : Jun 01, 2023 18:34 IST
दिल्ली हाई कोर्ट (सांकेतिक फोटो)
Image Source : FILE दिल्ली हाई कोर्ट (सांकेतिक फोटो)

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और वंचित वर्ग (CG) के लिए सीटों के रिजर्वेशन का पूरा मकसद विफल हो जाएगा अगर उनके लिए सीटों को समीप में रहने के मानदंड के आधार पर बेकार जाने दिया जाता है। हाई कोर्ट ने एक विद्यालय को उससे कुछ दूरी पर रहने वाले दो स्टूडेंट्स को एंट्रेंस देने का आदेश सुनाते हुए यह बात कही। उसने कहा कि इन श्रेणियों में सीटें सीमित हैं, जबकि मांग बहुत ज्यादा है। कोर्ट ने कहा कि इसलिए ईडब्ल्यूएस या डीजी श्रेणी के तहत प्रवेश के लिए सीटों के आवंटन में शिक्षा निदेशालय द्वारा सख्ती से पड़ोस के मानदंड को अपनाना संभव नहीं है। 

'प्रवेश की मांग आवंटन के लिए उपलब्ध सीटों की संख्या की तुलना में ज्यादा है'

न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्ण ने कहा, ‘‘अदालत इस बात का संज्ञान लेती है कि मौजूदा सामाजिक परिवेश में EWS/डीजी श्रेणी में प्रवेश की मांग इस श्रेणी के तहत आवंटन के लिए उपलब्ध सीटों की संख्या की तुलना में बहुत ज्यादा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, यदि किसी स्कूल विशेष में ईडब्ल्यूएस/डीजी श्रेणी में सीटें उपलब्ध हैं तो शिक्षा निदेशालय के लिए आवश्यक है कि इस कैटेगरी के तहत प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों को इस तरह के स्कूलों में सीटें आवंटित कराई जाएं।’’ 

दो आवेदकों ने की थी याचिका दायर
दरअसल, कोर्ट का आदेश दो आवेदकों की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिन्हें दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित ‘ड्रॉ’ के तहत कक्षा एक में ईडब्ल्यूएस/डीजी श्रेणी के तहत ‘हैप्पी आवर्स स्कूल’ आवंटित किया गया था, लेकिन स्कूल ने प्रवेश देने से मना कर दिया था। दोनों ने अनुरोध किया था कि स्कूल को उन्हें इस श्रेणी के तहत दाखिला देने का निर्देश दिया जाए। 

'4 किमी. की दूरी तय करने के लिए तैयार'
स्कूल के वकील ने कहा कि उनके घर विद्यालय से करीब चार किलोमीटर दूर हैं और चूंकि वे स्कूल के करीब घर होने के मानदंड को पूरा नहीं करते, उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा सकता। वकील ने कहा कि जहां याचिकाकर्ता रहते हैं, वहां स्कूल बस आदि की सेवा मुहैया नहीं कराता। वहीं, आवेदकों के वकील ने कहा कि वे स्कूल में पढ़ने के लिए चार किलोमीटर की दूरी तय करके आने को तैयार हैं। अदालत ने स्कूल की आपत्तियों को खारिज कर दिया और उसे निर्देश दिया कि दोनों बच्चों को तत्काल ईडब्ल्यूएस/डीजी कैटेगरी के तहत पहली क्लास में प्रवेश दिया जाए।

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