
दिल्ली हाई कोर्ट ने संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (CLAT) 2025 प्रश्नावली में कुछ गलतियों को लेकर विभिन्न उच्च न्यायालयों से ट्रांसफर की गई याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई शुरू की। साथ ही कोर्ट ने कहा कि कैंडिडेट्स के लिए "संदेह और चिंता" ठीक नहीं है। मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि वह रिजल्ट घोषित करने के लिए याचिकाओं पर सुनवाई जल्द से जल्द पूरी करना चाहती है। पीठ ने कहा कि विधि स्नातक प्रवेश परीक्षाओं से संबंधित याचिकाओं पर शीघ्रता से विचार किया जाएगा तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम से संबंधित याचिकाओं पर अलग से विचार किया जाएगा। बता दें कि क्लैट के परिणाम के आधार पर देश के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में स्नातक(UG) और स्नातकोत्तर(PG) लॉ पाठ्यक्रमों में एडमिशन मिलता है।
'हम जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करना चाहते हैं'
कोर्ट ने कहा, "जहां तक स्नातक प्रवेश परीक्षा का सवाल है, तो यह बहुत जरूरी है। हम जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करना चाहते हैं, ताकि परिणाम घोषित किए जा सकें।" पीठ ने कहा, "बहुत ज्यादा भ्रम और चिंता बनी हुई है। हम इससे बचना चाहते हैं। यह छात्रों के लिए ठीक नहीं है। हम सुनवाई शुरू कर सकते हैं।" कोर्ट ने कुछ समय तक लॉ यूनिवर्सिटीज के संघ (CNLU) की तरफ से मौजूद वकील की बात सुनी और कहा कि वह 8 अप्रैल को मामले की सुनवाई जारी रखेगी।
बता दें कि परीक्षा में कई प्रश्न गलत होने का आरोप लगाते हुए विभिन्न हाई कोर्ट्स में कई याचिकाएं दायर की गईं। 6 फरवरी को हाई कोर्ट ने इस मुद्दे पर सभी याचिकाओं को 'उपयुक्त फैसले' के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया। शीर्ष अदालत ने सीएनएलयू की स्थानांतरण याचिकाओं पर निर्देश पारित किया।
कई छात्र चाहते थे कि मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने क्लैट-स्नातक 2025 परीक्षा के दो प्रश्नों में त्रुटियों को चिह्नित करके और सीएनएलयू को अपने परिणामों को संशोधित करने का निर्देश देकर कुछ याचिकाकर्ताओं के लिए अनुकूल आदेश पारित किया है। बता दें राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (NLU) में 5 वर्षीय LLB पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए CLAT 2025 का आयोजन 1 दिसंबर 2024 को किया गया था। वहीं, इसके रिजल्ट सात दिसंबर को घोषित किए गए थे। (PTI Input)