Coaching Regulation Policy: दिल्ली भारत में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों का गढ़ माना जाता है। लेकिन कई बार इन कोचिंग संस्थानों की ओर से मनमानी की खबरें भी आती रहती हैं। इस बीच दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने निजी कोचिंग संस्थानों के गोरखधंधे पर नकेल कसने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार कोचिंग संस्थानों के संचालन पर नियंत्रण के लिए नीति बना रही है।
अधिकारियों ने बताया है कि इस नीति में निजी कोचिंग संस्थानों की फीस, मूलभूत सुविधाएं, सुरक्षा मानकों को लेकर दिशानिर्देश होंगे। दिल्ली के असिस्टेंट डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन योगेश पाल सिंह ने कहा कि 'जेईई (JEE), नीट (NEET), कैट (CAT), यूपीएससी (UPSC), एसएससी (SSC), रेलवे (RRB) समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले निजी कोचिंग संस्थानों की संख्या दिल्ली में तेजी से बढ़ रही है। पूरे देश से स्टूडेंट्स परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां आते हैं। ये संस्थान एक समानांतर शिक्षा व्यवस्था चला रहे हैं। लेकिन अब भी उचित नियंत्रण से बाहर हैं।'
उन्होंने कहा कि 'ये संस्थान जरूरी मानकों को पूरा किए बिना संचालित हो रहे हैं, जो स्टूडेंट्स के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकते हैं। हमें गुजरात के सूरत में हुए कोचिंग अग्नि कांड हादसे से सबक लेकर इनके लिए सख्त नियम बनाने की जरूरत है। कोचिंग संचालकों की लापरवाही के कारण उस हादसे में 22 बच्चों की जान गई थी।'
योगेश पाल सिंह ने बताया कि 'दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा इस साल फरवरी में जारी बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार, 20 या ज्यादा स्टूडेंट्स के साथ चल रहे कोचिंग संस्थानों को एजुकेशनल बिल्डिंग के दायरे में रखा गया है।'