ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर में हुई मौतों की घटना के बाद तमाम राज्यों की सरकारें अलर्ट हो गई हैं। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने बुधवार को स्कूली छात्रों की सुरक्षा के लिए जरूरी गाइडलाइन जारी किए है। बता दें कि Rau's IAS कोचिंग सेंटर में घटी इस घटना में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले 3 अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी। गाइडलाइन में कहा गया कि बेसमेंट का उपयोग केवल परमिशन दी गई गतिविधियों के लिए हो, साथ ही जलभराव से बचने के लिए जरूरी कदम उठाएं जाएं।
करना होगा दिल्ली मास्टर प्लान का पालन
शिक्षा निदेशालय (डीओई) द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, स्कूलों- प्राइवेट और सरकारी दोनों को सार्वजनिक भवनों में बेसमेंट के उपयोग के संबंध में दिल्ली मास्टर प्लान, 2021 के प्रावधानों का पालन करना होगा। स्कूल अथॉरिटीज को स्कूल परिसर में और उसके आसपास जलभराव से बचने के लिए अपने लेवल पर सभी जरूरी कदम उठाने होंगे। प्रदेश में हाल ही में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी जिसमें एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में यूपीएससी के 3 अभ्यर्थी डूब गए साथ ही एक अभ्यर्थी की करंट लगने से मौत हो गई है।
छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें
सर्कुलर में कहा गया है, "यह जरूरी है कि दिल्ली सरकार के सभी स्कूल छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए उचित बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएं।" गाइडलाइन में यह भी जरूरी किया गया है कि स्कूलों के प्रिंसीपल को यह देखना चाहिए कि स्कूल के भवनों में यदि कोई बेसमेंट है, तो उसका इस्तेमाल केवल मास्टर प्लान के प्रावधानों और स्वीकृत योजना के मुताबिक परमिशन दी गई गतिविधियों के लिए ही किया जाएगा।
एंट्री और एग्जिट गेट के लिए खुले होने चाहिए
गाइडलाइन में यह भी जरूरी किया गया है कि स्कूलों के प्रिंसिपल को यह देखना चाहिए कि स्कूल के भवनों में यदि कोई बेसमेंट है, तो उसका इस्तेमाल केवल मास्टर प्लान के प्रावधानों और स्वीकृत योजना के मुताबिक परमिशन दी गई गतिविधियों के लिए ही किया जाएगा। स्कूल भवनों के सभी गेट काम करने वाले होने चाहिए और एंट्री और एग्जिट गेट के लिए खुले होने चाहिए। बेसमेंट तक पहुंच को उचित रूप से चिह्नित किया जाना चाहिए। साथ ही स्कूल निकासी योजना में स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए।
गलियारे हर समय अवरोधों से मुक्त होने चाहिए
सर्कुलर में कहा गया है कि सभी गलियारे हर समय अवरोधों से मुक्त होने चाहिए और सुगम मार्ग सुनिश्चित किया जाना चाहिए। स्कूल के गलियारों और सीढ़ियों की समय-समय पर जलजमाव की जांच होती रहनी चाहिए और जरूरी कार्रवाई की जानी चाहिए। आगे कहा गया है, "किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए बिजली के तारों और फिटिंग्स सहित उपकरणों की जांच की जाएगी और सभी सुरक्षा मानदंडों का पालन किया जाए। स्कूल में फायर सेफ्टी के सभी आवश्यक उपाय किए जाएंगे।"
(इनपुट- PTI)
ये भी पढ़ें:
Rau's IAS कोचिंग सेंटर ने घटना के बाद पहली बार जारी किया अपना बयान
यूपी में बढ़ गई एमबीबीएस सीटें, NMC ने दी 7 नए मेडिकल कॉलेजों को अनुमति