
दिल्ली में हर साल देश भर से छात्र उच्च शिक्षा लेने के लिए दिल्ली का रुख करते हैं। छात्रों की ज्यादा मांग के चलते दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में प्रवेश के लिए हर साल कटऑफ बढ़ा दिया जाता है। इसी समस्या को देखते दिल्ली में नए कॉलेज, विश्वविद्यालय खोलने के लिए केजरीवाल सरकार ने केंद्र को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में केजरीवाल ने लिखा है कि हर साल कटऑफ बढ़ने में छात्रों की नहीं बल्कि सरकार की गलती है। हमें अधिक संख्या में उच्च शिक्षा संस्थान तैयार करने होंगे जिससे प्रतिभाशाली छात्रों को बेहतर शिक्षा से महरूम न रहना पड़े
सीएम केजरीवाल ने कहा कि 12वीं पास करने के बाद जो बच्चे कॉलेज में दाखिले का प्रयास कर रहे हैं उन्हें तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। अगर 100 प्रतिशत कट ऑफ है तो बाकी बच्चे कहां जाएंगे जिन बच्चों को 90 प्रतिशत 95 प्रतिशत, 80 प्रतिशत या 60 प्रतिशत नंबर मिले हैं। उनका भी हायर एजुकेशन का अधिकार है। आखिर इतना ज्यादा कटऑफ क्यों है। इसमें बच्चों की कोई गलती नहीं है इसमें हमारी गलती है, सभी सरकारों की गलती है। अभी तक दिल्ली में जितनी सरकारें आई उन सभी की गलती है, हमारी गलती है, केंद्र सरकार की गलती है।
50 प्रतिशत छात्रों को ही एडमिशन
पत्र में सीएम ने लिखा कि दिल्ली में कॉलेज और विश्वविद्यालयों की भारी कमी हो गई है, सीटों की कमी है और बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिस तेजी के साथ बच्चों की संख्या बढ़ रही है उस तेजी के साथ कॉलेज और विश्वविद्यालय बढ़ने चाहिए थे। हर साल दिल्ली में लगभग 2.5 लाख बच्चे 12वीं पास करते हैं और उनमें सवा लाख को ही दिल्ली के कॉलेजों में दाखिला मिल पाता है, बाकी बच्चे कहां जाएंगे। केवल 50 प्रतिशत बच्चों की क्षमता है, बाकी बच्चे कहां जाएंगे।
नए कॉलेज खोलने में कानूनी अड़चन
दिल्ली में बहुत सारे कॉलेज और विश्वविद्यालय खोलने की जरूरत है, दिल्ली सरकार इसके लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए बड़ी कानूनी अड़चन आ रही है। दिल्ली विश्वविद्यालय के 91 कॉलेज या अन्य संस्थान है। आईपी विश्वविद्यालय के 127 कॉलेज या अन्य संस्थान है। इसके अलावा आईआईटी दिल्ली एम्स, दिल्ली राज्य की 9 युनिवर्सिटी है जेएनयू है। दिल्ली युनिवर्सिटी एक्ट अंग्रेजों ने 1922 में बनाया था और उसी के तहत दिल्ली युनिवर्सिटी बनी है। उस एक्ट में लिखा है कि अगर दिल्ली में कोई नया कॉलेज बनेगा तो वह केवल दिल्ली युनिवर्सिटी के साथ ही मान्यता प्राप्त होगा और किसी युनिवर्सिटी के साथ मान्यता प्राप्त नहीं हो सकता है। पहले ही इसके साथ 91 कॉलेज हैं, और 30 साल में दिल्ली युनिवर्सिटी के तहत कोई नया कॉलेज नहीं खुला है और किसी कॉलेज को मान्यता नहीं मिली है। 1998 में इस एक्ट में संसोधन हुआ था और आईपी युनिवर्सिटी के साथ मान्यता देने की बात हुई थी अब उसके साथ भी 127 कॉलेज मान्यता प्राप्त हैं।
पोखरियाल से की मांग
आज इसको लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को चिट्ठी लिखी है और इस कानून से नए कॉलेज की मान्यता को लेकर प्रावधान समाप्त करने की मांग की है, ताकि दिल्ली के अंदर नए कॉलेज और नए युनिवर्सिटी खोल सकें। सीएम ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि केंद्र सरकार इसपर विचार करेगी।