Railway station where people buy ticket but do not travel: इंडियन रेलवे को हमारे देश यानी भारत की लाइफलाइन कहा जाता है। इसी लाइफलाइन से लाखों जिंदगियां रोजाना सफर करती हैं। बिनी टिकट के सफर करने की बात तो आप लोगों ने बहुत सारी सुनी होंगी। हालांकि, ये नंबर इतना ज्यादा बड़ा नहीं है ज्यादातर लोग ट्रेन का टिकट खरीदकर ही सफर करते हैं। जो लोग बिना टिकट के सफर करते हुए पकड़े जाते हैं, परिणाम स्वरूप उन लोगों को जुर्माना भरना पड़ता है। इसके बावजूद अक्सर बिना टिकट के लोग सफर करते हैं। लेकिन इस सब के परेय आपने कभी ये सुना है कि लोगों ने टिकट तो खरीदा पर सफर नहीं किया। अगर नहीं, तो कोई आश्चर्य की बात नहीं; बहुत से लोग ऐसी बहुत सी बातों से अंजान हैं। लेकिन आज हम आपको इस खबर के जरिए एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताएंगे जहां पर लोग टिकट तो खरीदते हैं पर सफर नहीं करते।
कहां है ये रेलवे स्टेशन
जी हां आप बिलकुल सही पढ़ रहे हैं, देश के यूपी में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी हैं जहां लोग टिकट खरीदने के बावजूद यात्रा नहीं करते हैं। ये अनोखा रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित है। इस अनूठे रेलवे स्टेशन का नाम दयालपुर रेलवे स्टेशन(Dayalpur Railway station) है। इस रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्र के लोग हर दिन यहां से टिकट को खरीदते हैं पर जाते कहीं नहीं। आसपास के गांव के लोग प्रति दिन रेलवे स्टेशन से टिकट खरीदते हैं और बिना यात्रा किए वापस चले जाते हैं।
क्या ये है कारण?
अब सवाल ये है कि आखिर ये लोग ऐसा करते क्यों हैं? मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, लोकल लोगों के ऐसा करने की वजह इस स्टेशन को बचाने की ये एक कोशिश है। दरअसल, 2016 में भारतीय रेलवे के कुछ मानकों पर खरा न उतरने के कारण दयालपुर रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया था। आपको जानकारी के लिए बता दें कि अगर अगर मेन लाइन पर कोई स्टेशन मौजूद है तो वहां हर दिन कम से कम 50 टिकट बिकने चाहिए। वहीं, अगर कोई स्टेशन ब्रांच लाइन पर है तो वहां हर दिन कम से कम 25 टिकट कटने चाहिए। इसी कारण दयालपुर रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया था। इसके बाद लोगों की कई अर्जी के बाद इसे फिर बहाल किया गया। और तब से यहां के लोग स्टेशन को जीवित रखने के लिए स्टेशन से रोजाना टिकट खरीदते हैं।
ये भी पढ़ें- भूलकर भी Train से सफर के दौरान न ले जाएं इससे ज्यादा सामान, नहीं तो लगेगा भारी जुर्माना
आप जानते हैं कि B.Tech के बाद स्टूडेंट्स क्यों करते हैं MBA? जानें इसकी वजह