नई दिल्ली: आईआईटी समेत देश के शीर्ष उच्च शिक्षण संस्थानों का मानना है कि छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को जल्द से जल्द कोविड-19 से बचाव के लिए टीका लगाने से परिसरों में उनकी सुरक्षित वापसी का रास्ता सुनिश्चित हो सकता है. अधिकतर उच्च शिक्षण संस्थान कोविड-19 महामारी के कारण मिले-जुले तरीके से शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, वहीं कुछ आईआईटी संस्थानों में इस समय परिसर में सीमित संख्या में छात्र रह रहे हैं.
आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक टी जी सीताराम ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस की रोकथाम के लिहाज से सभी के लिए टीकाकरण अत्यधिक जरूरी और कारगर लगता है. आईआईटी गुवाहाटी में हम मानते हैं कि हमारे छात्रों, संकाय सदस्यों और कर्मचारियों को टीका लगाया जाए, ताकि मामले घटने के साथ परिसरों को सुगमता से पुन: खोला जाए और छात्र परिसर में सुरक्षित वापसी कर निर्बाध प्रशिक्षण प्राप्त करें.''
आईआईटी मद्रास के निदेशक भास्कर राममूर्ति ने भी इसी तरह की राय रखी और कहा, ‘‘अगर आवासीय परिसरों में रहने वाले छात्रों को टीका लगाया जाता है तो परिसर में छात्रावासों के फिर से खुलने और कक्षाओं के शुरू होने से संभावित जोखिम कम हो जाएगा.''
सूत्रों के अनुसार, कुछ आईआईटी के निदेशकों ने पिछले सप्ताह केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल के साथ बैठक में अनुरोध किया था कि छात्रों की परिसरों में सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए उनका तेजी से टीकाकरण किया जाए.
भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), भोपाल के निदेशक शिव उमापति ने कहा, ‘‘आवासीय परिसर होने के नाते संस्थान उन छात्रों की वापसी का पक्षधर है जिन्होंने कम से कम टीके की पहली खुराक लगवा ली है. इस संबंध में संस्थान सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करेगा और टीकों की जरूरत के हिसाब से उपलब्धता के लिए सरकार के सहयोग की सराहना करेगा.''