केंद्र द्वारा नई शिक्षा नीति को अपनाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार एक शिक्षा आयोग का गठन करने वाली है। इस लेकर सीएम योगी ने बैठकें करनी शुरू भी कर दी हैं। हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे को लेकर बैठक की है। इस बैठक में राज्य शिक्षा आयोग के गठन पर चर्चा की गई। इस बैठक के बाद से अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि जल्द उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और बुनियादी शिक्षा तीनों में बदलाव किए जाएंगे।
बैठक में कौन शामिल था?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रमुख सचिव सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी ने बैठक में भाग लिया था।
4,600 स्वास्थ्य एटीएम लगाने की योजना
प्रदेश के स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार हर जिले के सभी कल्याण केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों में 4,600 स्वास्थ्य एटीएम स्थापित करने की योजना बना रही है।
इसके शुरू होने से मरीजों को 60 टेस्ट की सुविधा मिलेगी और टेली-परामर्श की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसके साथ ही लोगों को छोटी-मोटी समस्याओं के लिए मेडिकल कॉलेज के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वहीं प्रदेश के लगभग सभी जिलों में इसी साल मेडिकल कॉलेज की सुविधा भी शुरू हो जाएगी। इस दिशा में युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
आगामी बजट का विजन
इस साल के बजट में योगी सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र, कानून व्यवस्था, पर्यटन, शिक्षा और अधोसंरचना विकास पर फोकस करेगी। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के साथ-साथ प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा मिले। सरकार नए साल में नवीनतम तकनीकों की मदद से राज्य की शिक्षा प्रणाली को स्मार्ट बनाने पर जोर देने के प्रयास में है।
राज्य सरकार की योजना है कि बच्चों को बुनियादी, जूनियर और माध्यमिक स्तर पर स्मार्ट कक्षाओं के माध्यम से शिक्षा दी जाए, जबकि प्रत्येक स्कूल को दो टैबलेट दिए जाएंगे। इसके अलावा, नए साल से बच्चों की चेहरे की रीडिंग के माध्यम से उपस्थिति दर्ज की जाएगी। जानकारी के मुताबिक 77 पाठ्यपुस्तकें क्यूआर कोड पर उपलब्ध होंगी, जबकि पाठ्यक्रम के पॉकेट चार्ट शिक्षकों को प्रदान किए जाएंगे।