उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। इस ऐलान से उन लोगों को काफी फायदा होगा जो संस्कृत पढ़ने में रूचि रखते हैं। सीएम योगी ने बीते दिन संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में सभी छात्रों के बीच जाकर ऐलान किया सरकार उन्हें अब पढ़ने के लिए आर्थिक सहायता देगी।
बनाएं जाएंगे गुरुकुल शैली के संस्कृत स्कूल
योगी आदित्यनाथ ने रविवार को विश्वविद्यालय में राज्य भर के सभी संस्कृत छात्रों के लिए स्कॉलरशिप स्कीम की शुरुआत की। साथ ही उन्होंने प्रदेश में आवासीय गुरुकुल शैली के संस्कृत स्कूलों को पुनर्जीवित करने की योजना की भी घोषणा की। उनके के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने साइंस और टेक्निकल एजुकेशन के लिए एक भाषा के रूप में संस्कृत की क्षमता पर जोर डाला और छात्रों से इसे गंभीरता से अपनाने का आग्रह किया।
'संस्कृत की वकालत करना मानवता की वकालत'
उन्होंने कहा, "संस्कृत की वकालत करना मानवता की वकालत करने के समान है" और बताया कि पिछली सरकारों ने इस विषय की शिक्षा की उपेक्षा की थी। सभा को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, "संस्कृत केवल "देव-वाणी" ही नहीं है, बल्कि एक वैज्ञानिक भाषा भी है जिसे कंप्यूटर साइंस और AI जैसे आधुनिक क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है।" उन्होंने इसकी अनूठी विशेषताओं के बारे में बताया जो इसे सरल और तकनीकी रूप से अनुकूल बनाती हैं, और इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को जाहिर किया।
समझाया स्कॉलरशिप स्कीम का महत्व
स्कॉलरशिप स्कीम के महत्व को समझाते हुए सीएम योगी ने कहा कि पहले केवल 300 संस्कृत छात्र ही स्कॉलरशिप के लिए पात्र थे और तब भी उम्र की पाबंदी भी थी। अब इस नई पहल का उद्देश्य सभी पात्र छात्रों को लाभ पहुंचाना है। उन्होंने स्कॉलरशिप अमाउंट के सीधे और सुरक्षित ट्रांसफर को सुनिश्चित करने के लिए सभी छात्रों को बैंक अकाउंट खोलने का भी निर्देश दिया। उन्होंने राज्य भर में 69,195 छात्रों को ₹586 लाख की स्कॉलरशिप वितरित करने की पहल की।
गुरुकुल शिक्षा प्रणाली शुरू करने का किया ऐलान
संस्कृत और भारतीय सांस्कृतिक विरासत पर जोर देते हुए उन्होंने प्रदेश में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को फिर से शुरू करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा, "यह पारंपरिक प्रणाली देश की असली ताकत है और भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर कर सकती है।" गुरुकुल संस्थानों को अतिरिक्त सहायता मिलेगी, जिसमें छात्रों के लिए फ्री आवास और भोजन की व्यवस्था करने वालों को विशेष सहायता दी जाएगी। इन संस्थानों को योग्य आचार्यों की भर्ती करने की अधिकार भी होगा।
(इनपुट- पीटीआई)
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