सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेंकेडरी एजुकेशन (CBSE) ने आज 2 राज्यों दिल्ली और राजस्थान के कई स्कूलों में औचक निरीक्षण किया, जिसके बाद उन स्कूलों में हड़कंप जैसा माहौल बन गया। टीम ने यह चेकिंग 'डमी स्कूल' की समस्या पर लगाम लगाने के लिए किया। सीबीएसई ने यह कदम फर्जी छात्रों और अयोग्य उम्मीदवारों को दाखिला देने वाले 20 स्कूलों की मान्यता रद्द करने के 6 महीने बाद उठाया है।
27 टीमों ने की इंस्पेक्शन
मिली जानकारी के मुताबिक, इन इंस्पेक्शन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि बोर्ड से संबद्ध स्कूल सीबीएसई द्वारा निर्धारित मानदंडों और उपनियमों का सख्ती से पालन कर रहे हैं। सीबीएसई के सचिव हिमांशु गुप्ता ने बताया कि यह इंस्पेक्शन 27 टीमों ने अलग-अलग जगहों पर किया। इन टीमों में 1 सीबीएसई अधिकारी और सीबीएसई से जुड़े स्कूलों के प्रिंसीपल शामिल थे।
प्लानिंग सावधानीपूर्वक की गई
सीबीएसई के सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा, "इंस्पेक्शन की प्लानिंग सावधानीपूर्वक बनाई गई थी और समन्वयित तरीके से अमल में लाया गया था। यह निरीक्षण सभी चयनित स्कूलों में एक साथ, या कम टाइमफ्रेम में किया गया।" आगे कहा कि ऐसा प्लान इसलिए किया गया है, ताकि स्कूलों के संचालन और अनुपालन के बारे में एकत्रित जानकारी सटीक हो और उनके रोजमर्रा के कामकाज भी दिख सके।
सीबीएसई के सचिव ने कहा, "इन निरीक्षणों से मिले रिजल्ट की अभी समीक्षा की जाएगी और स्कूलों द्वारा अनुपालन न किए जाने की स्थिति पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। सीबीएसई कठोर निगरानी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है और यह सुनिश्चित करने के लिए कि संबद्ध स्कूल बोर्ड द्वारा क्वालिटी और स्टैडंर्ड बनाए रखें, ऐसे औचक निरीक्षण जारी रखेगा।"
डमी स्कूलों में नीट व जेईई की तैयारी कर रहे बच्चे लेते हैं एडमिशन
इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं (जेई व नीट) की तैयारी करने वाले बहुत से छात्र डमी स्कूलों में दाखिला लेना पसंद करते हैं, ताकि वे पूरी तरह से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकें। वे कक्षाओं में नहीं जाते और सीधे बोर्ड परीक्षा में शामिल हो जाते हैं। अभ्यर्थी कुछ राज्यों के छात्रों के लिए उपलब्ध मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थानों में कोटा को ध्यान में रखते हुए डमी स्कूलों का भी चयन करते हैं।
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