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CBSE News: सीबीएसई के स्कूलों में अब कई भारतीय भाषाओं में होगी पढ़ाई, बोर्ड ने जारी किया सर्कुलर

सीबीएसई के स्कूलों में अब कई भारतीय भाषाओं में पढ़ाई हो सकेगी जबकि अभी तक इनमें सिर्फ हिंदी और अंग्रेजी माध्यम का ही विकल्प था।

Reported By : Devendra Parashar Edited By : Vineet Kumar Singh Published : Jul 22, 2023 9:17 IST, Updated : Jul 22, 2023 9:22 IST
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Image Source : PTI REPRESENTATIONAL सीबीएसई के स्कूलों में अब कई भारतीय भाषाओं में पढ़ाई हो पाएगी।

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये अपने स्कूलों में वैकल्पिक माध्यम के तौर पर भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल करने पर विचार करने को कहा है। शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कई भाषाओं में शिक्षा प्रदान करने के उपाय किये गये हैं, जिसके बाद CBSE ने अपने स्कूलों को उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने और उसे बहुभाषी शिक्षा के लिए उपयुक्त बनाने के लिये एक-दूसरे के साथ सहयोग करने को कहा है।

CBSE स्कूलों में सिर्फ अंग्रेजी और हिंदी माध्यम का विकल्प था

CBSE स्कूलों को प्री-प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक क्षेत्रीय व मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने का विकल्प दिया गया है। बता दें कि अब तक राज्य बोर्ड स्कूलों के विपरीत CBSE स्कूलों में सिर्फ अंग्रेजी और हिंदी माध्यम का विकल्प था। CBSE का कहना है कि उनका यह कदम यह NEP के के अनुरूप है। इस संबंध में CBSE ने देशभर के अपने स्कूलों से संपर्क किया है। सीबीएसई ने अपने सभी संबंधित स्कूलों से कहा है कि जब भी संभव हो सके तो 5वीं कक्षा तक क्षेत्रीय भाषा या फिर मातृभाषा में पढ़ाई के विकल्प उपलब्ध कराए जाएं। स्कूलों से इसे 5वीं से बढ़ाकर आठवीं और उससे भी आगे ले जाने का प्रयास करने को कहा गया है।

NCERT की पाठ्य पुस्तकें क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होंगी
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, स्कूल में पढ़ाई जाने वाली NCERT की पाठ्य पुस्तकें भारत की क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होंगी। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन पाठ्य पुस्तकों को भारत की 22 विभिन्न भाषाओं उपलब्ध कराए जाने की योजना बनाई गई है। भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में नई NCERT पाठ्यपुस्तकों को विकसित किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय की इस महत्वपूर्ण परियोजना का मकसद देशभर के छात्रों को उनकी ही क्षेत्रीय अथवा मातृभाषा में शिक्षा उपलब्ध कराना है। पुस्तकों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के विषय पर मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण बैठक भी हो चुकी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बैठक की अध्यक्षता की थी।

इसे एक जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है: शिक्षा मंत्री
नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा और NEP 2020 पर आधारित नई पाठ्यपुस्तकों पर व अन्य कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई है। बता दें कि बीते दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में पाठ्यपुस्तकों को विकसित करने के लिए कहा है। यह बहुभाषा शिक्षा प्रदान करने के राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य के अनुरूप होगा। उन्होंने यह भी कहा कि NCERT द्वारा विकसित शिक्षण-शिक्षण सामग्री 'जादुई पिटारा' को ओपन लर्निंग रिसोर्सेज के रूप में हर स्कूल तक पहुंचाने के लिए आगे बढ़ाया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसे एक जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है।

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