नीट विवाद को लेकर आज सीबीआई की एक टीम सोमवार को पटना जा सकती है और नीट-यूजी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार लोगों को पूछताछ के लिए दिल्ली ले जा सकती है। उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इस मामले के सिलसिले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक, सीबीआई अधिकारी ईओयू से मामले से संबंधित सबूत इकट्ठा कर सकते हैं। सीबीआई ने रविवार को शिक्षा मंत्रालय के कहने पर 5 मई को आयोजित मेडिकल एंट्रेस एग्जाम नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के संबंध में एफआईआर दर्ज की थी।
आज पहुंचेगी ऑफिस
ईओयू के एक अधिकारी ने बताया, "सीबीआई की टीम सुबह 11.30 बजे के करीब ईओयू ऑफिस आएगी और पटना के एक घर से बरामद किए गए जले हुए प्रश्नपत्र के टुकड़े, गिरफ्तार किए गए लोगों के मोबाइल फोन, सिम कार्ड, लैपटॉप, पोस्ट-डेटेड चेक और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा उपलब्ध कराए गए संदर्भ प्रश्नपत्र सहित सभी साक्ष्य इकट्ठा करेगी।" उन्होंने कहा, "गिरफ्तार किए गए सभी लोग पटना में न्यायिक हिरासत में हैं और सीबीआई की टीम यहां की एक अदालत से ट्रांजिट रिमांड लेकर उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली ले जा सकती है।"
कर सकती है एफआईआर दर्ज
उन्होंने कहा कि सीबीआई सबूतों को नष्ट करने की जांच के लिए मामले के संबंध में कई एफआईआर दर्ज कर सकती है और कुछ आरोपियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) के मामले भी दर्ज कर सकती है, जो सरकारी कर्मचारी हैं। अधिकारी ने आगे कहा, "गिरफ्तार आरोपी सिकंदर प्रसाद यादवेंदु, दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर है, उसके खिलाफ डीए का मामला दर्ज किया जा सकता है, क्योंकि उसने कथित तौर पर अपनी आय से अधिक संपत्ति कमाई की है।"
पहले भी रहा है आपराधिक गतिविधियों में शामिल
उन्होंने कहा कि मूल रूप से समस्तीपुर का रहने वाला यादवेंदु इस मामले में मुख्य संदिग्ध के रूप में पहचाना गया है। अधिकारी ने कहा, "उसका आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का इतिहास रहा है। 2012 में जूनियर इंजीनियर बनने से पहले, वह रांची में एक ठेकेदार के रूप में काम करता था। वह पहले 3 करोड़ रुपये के एलईडी घोटाले में फंसा था। वह उस मामले में अपनी भूमिका के लिए जेल की सजा काट चुका है।"
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