Sunday, December 22, 2024
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कानपुर यूनिवर्सिटी के VC के खिलाफ CBI ने दर्ज की FIR, जबरन वसूली, जालसाजी... के हैं आरोप

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति (Vice-Chancellor) प्रोफेसर विनय पाठक और अन्य के खिलाफ जबरन वसूली, जालसाजी समेत और भी आरापों में FIR दर्ज की है।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published : Jan 09, 2023 17:41 IST, Updated : Jan 09, 2023 17:41 IST
कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति विनय पाठक और अन्य के खिलाफ CBI ने दर्ज की एफआईआर
Image Source : FILE कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति विनय पाठक और अन्य के खिलाफ CBI ने दर्ज की एफआईआर

सेंट्रल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो(CBI) ने कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) के कुलपति(Vice-Chancellor) प्रोफेसर विनय पाठक और अन्य के खिलाफ जबरन वसूली, जालसाजी, जानबूझकर अपमान और धोखाधड़ी के आरोपों में प्राथमिकी(FIR) दर्ज की है। बता दें कि हाल में उत्तर प्रदेश सरकार ने CSJMU के कुलपति के खिलाफ CBI जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद CBI जांच की मंजूरी मिल गई। 

1.4 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े का आरोप है

अक्टूबर में UP के विभिन्न विश्वविद्यालयों में परीक्षा आयोजित करने वाली एक कंपनी के मालिक डेविड मारियो दानिश ने विनय पाठक पर अपनी कंपनी के बिलों के भुगतान के लिए 1.4 करोड़ रुपए निकालने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई थी। बाद में मामला STF को सौंप दिया गया था। पाठक और उसके सहयोगी अजय मिश्रा के खिलाफ 29 अक्टूबर को लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में जबरन वसूली और धमकी देने के आरोप में FIR दर्ज की गई थी। STF ने अजय मिश्रा, संतोष सिंह और अजय जैन सहित तीन को गिरफ्तार कर लिया। संतोष कुमार सिंह अजय मिश्रा का करीबी सहयोगी है। मिश्रा कथित रूप से पाठक की मदद से विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों से परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों की छपाई का ठेका लेता था और फिर उन्हें संतोष सिंह को सौंप देता था। 

'जांच में कई अनियमितताएं सामने आईं'

STF के अधिकारियों ने कहा कि जांच में आगरा, कानपुर और बरेली की यूनिवर्सिटीज में अनियमितताएं सामने आई हैं। आगरा यूनिवर्सिटी में जांच के दौरान STF को कई सबूतों से छेड़छाड़ मिली। दूसरी ओर विनय पाठक ने अपने खिलाफ दर्ज FIR को चुनौती देते हुए एक नवंबर को लखनऊ हाईकोर्ट की तरफ रूख किया था। हालांकि जज राजेश सिंह चौहान और जज वी. के. सिंह की अदालत ने 15 नवंबर को कहा था कि उनके खिलाफ दर्ज FIR और जांच में जुटाए गए सबूतों को देखते हुए प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ अपराध बनता है। 

13 सालों में 8 स्टेट यूनिवर्सिटीज में किया काम

प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने 13 सालों के समय में 8 राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपति के रूप में काम किया है। वे पहली बार 2009 में उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी के वी-सी नियुक्त में नियुक्त किए गए थे। 2013 में, उन्होंने वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी, कोटा में वी-सी के पद पर काम किया। 1 साल बाद उन्हें राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (RTU), कोटा के कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद प्रोफेसर पाठक ने उत्तर प्रदेश का रुख किया। 2015 में उन्हें अब्दुल कलाम टेक्निकल विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया। 2017 में, पाठक ने HBTU, कानपुर में वी-सी के रूप में एक साथ अतिरिक्त प्रभार संभाला, जबकि 2021 में, उन्होंने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के वी-सी और कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के वी-सी के रूप में काम किया, जहां वे मौजूदा समय में कार्यरत हैं।

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