इस धरती पर बिना पानी के जीवन की कल्पना करना भी असंभव है। हमारी लाइफ में रोज-मर्रा की जरूरतों के अलावा भी पानी का बहुत योगदान है। नदियां, तालाब, झरना आदि इसके स्रोत होते हैं। हमारे देश में इन स्रोतों की कोई कमी नहीं है। हमारे देश में नदियों का एक अलग ही महत्व है। भारत में मौजूद तमाम नदियों को मां का दर्जा दिया गया है, जैसे गंगा मां आदि। लेकिन क्या आपने कभी भारत में ऐसी नदी के बारे में सुना है जिसे पुरुष नदी के नाम से भा जाना जाता हो। अगर आप इसके बारे में नहीं सुना है और नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं, हम आपको इस खबर के जरिए इसी नदी के बारे में बताएंगे।
हिंदुओं के अलावा इनके लिए भी है पूजनीय
इस नदी को हम सभी लोग ब्रह्मपुत्र नदी से जानते हैं। इस नदी को भारत की पुरुष नदी के तौर पर भी जाना जाता है और इसे लेकर लोगों में आस्था है। हिंदू धर्म के अलावा इस नदी को जैन और बौद्ध धर्म के लोग भी पूजते हैं। अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा कि इस नदी को ही पुरुष नदी क्यों कहा जाता है। दरअसल, हिंदु मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्मपुत्र नदी को भगवान ब्रह्मा का पुत्र माना जाता है। वहीं, बौद्ध धर्म को मानने वालों की आस्था है कि ये नदी एक महान झील चांग थांग पठार से निकली है।
कहां से निकलती है ये नदी
ये नदी तिब्बत में पुरंग जिले में मानसरोवर झील के पास से निकलती है। यहां से निकलने के बाद यह नदी भारत और बांग्लादेश में बहती है। इस नदी की कुल लंबाई 2900 किलोमीटर है। ऐसे में कई लोग इसे भारत की सबसे लंबी भी बोलते हैं। इस नदी को कई जगह अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जैसे तिब्बत में इस नदी को सांपो, अरूणाचल प्रदेश में डीहं और असम में इस नदी को ब्रह्मपुत्र नदी के नाम से जाना जाता है। वहीं, बांग्लादेश में पहुंचकर इस नदी का नाम जमुना हो जाता है।
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